भारत दुनिया के सबसे बड़े देशों में से एक है। इतने बड़े देश को एक स्थान से नियंत्रित करना कठिन हैं। इसलिए देश की प्रशासनिक शक्तियां और जिम्मेदारियां केंद्र सरकार और राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के रूप में विभाजित हैं।
जब देश के केंदशासित प्रदेशों की बात आती है, तो जम्मू और कश्मीर और लद्दाख को शामिल करने के बाद कुल 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश हैं। यदि आप एक राज्य और एक केंद्र शासित प्रदेश के बीच के अंतर को लेकर भ्रमित हैं, तो यह लेख आपको समझने में मदद करेगा।
केंद्र शासित प्रदेश किसे कहते हैं
केंद्र शासित प्रदेशों पर सीधे केंद्र सरकार का शासन होता है, जिसमें एक प्रशासक के रूप में एक लेफ्टिनेंट गवर्नर कार्य करता है, जो भारत के राष्ट्रपति का प्रतिनिधि होता है और केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किया जाता है।
दिल्ली और पुडुचेरी को छोड़कर केंद्र शासित प्रदेशों का राज्यसभा में कोई प्रतिनिधित्व नहीं है।
केंद्र शासित प्रदेश (Union Territory) भारतीय गणराज्य में एक प्रकार का प्रशासनिक प्रभाग है। केंद्र शासित प्रदेश राज्यों के विपरीत होती है, जो केंद्र सरकार द्वारा, आंशिक या संपूर्ण रूप से शासित संघीय क्षेत्र हैं।
परिभाषा - केंद्र शासित प्रदेश एक छोटी प्रशासनिक इकाई है जिस पर केंद्र का शासन होता है। केंद्र शासित प्रदेशों को सीधे केंद्र सरकार द्वारा नियंत्रित और प्रशासित किया जाता है।
सरल शब्दों में राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के बीच बुनियादी अंतर यह है कि, एक राज्य का एक अलग शासी निकाय होता है, जबकि एक केंद्र शासित प्रदेश सीधे केंद्र सरकार द्वारा शासित होता है।
भारत में केंद्र शासित प्रदेश कितने हैं
5 अगस्त, 2019 को जम्मू और कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों (UT) में विभाजित करने के एक संसदीय प्रस्ताव पारित किया गया। जिसके परिणाम स्वरूप देश में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की कुल संख्या बढ़कर 37 हो गई है।
इस आंकड़े में 29 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं। शासन, संरचना और कार्य के संदर्भ में, राज्य और केंद्र शासित प्रदेश एक दूसरे से काफी भिन्न हैं।
भारत में आठ केंद्र शासित प्रदेशों के नाम, दिल्ली, अंडमान और निकोबार, चंडीगढ़, दादरा नगर हवेली और दमन और दीव, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, लक्षद्वीप और पुडुचेरी शामिल हैं।
केंद्र शासित प्रदेशों का इतिहास
भारतीय संविधान अनुच्छेद 1 के अनुसार भारत को राज्यों के संघ के रूप में परिभाषित किया जाता है। भारत, दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। जहां राज्य और केंद्र सरकारों के बीच सत्ताधारी शक्तियों को वितरित की जाती हैं।
1956 में राज्यों के पुनर्गठन पर चर्चा के दौरान, राज्य पुनर्गठन आयोग ने इन क्षेत्रों के लिए एक अलग श्रेणी बनाने की सिफारिश की क्योंकि वे न तो किसी राज्य के मॉडल में फिट होते हैं।
यह देखा गया कि ये आर्थिक रूप से असंतुलित और कमजोर हैं। ये प्रशासनिक और राजनीतिक रूप से अस्थिर क्षेत्र केंद्र सरकार पर निर्भर किए बिना नहीं रह सकते हैं। इन सभी कारणों को ध्यान में रखते हुए केंद्र शासित प्रदेश का गठन किया गया था।
अंडमान और निकोबार द्वीप भारत का पहला केंद्र शासित प्रदेश था, चंडीगढ़ भारत के पंजाब और हरियाणा राज्य की संयुक्त राजधानी है। और एक केंद्र शासित प्रदेश भी है।
दिल्ली और पुडुचेरी अन्य केंद्र शासित प्रदेशों से कैसे अलग हैं?
भारत में, सभी राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों, यानी पुडुचेरी, दिल्ली और जम्मू और कश्मीर में निर्वाचित विधायिका और सरकार है।
भारत में कुल 8 केंद्र शासित प्रदेश हैं, जिनमें से 3, यानी जम्मू और कश्मीर, दिल्ली और पुडुचेरी में उनके निर्वाचित सदस्य और मुख्यमंत्री हैं, क्योंकि इन्हें संविधान में संशोधन द्वारा आंशिक राज्य का दर्जा दिया गया है।
इन दोनों की अपनी विधान सभा और कार्यकारी परिषद होती है और ये राज्यों की तरह काम करते हैं। शेष केंद्र शासित प्रदेशों को देश के संघ द्वारा नियंत्रित और विनियमित किया जाता है, इसलिए इसे केंद्र शासित प्रदेश का नाम दिया गया है।
8 केंद्र शासित प्रदेशों के नाम
भारत में कुल 8 केंद्र शासित प्रदेश और 28 राज्य हैं। नीचे सभी केंद्रशासित प्रदेशों के नाम दिए गए हैं।
- अंडमान और निकोबार द्वीप समूह,
- चंडीगढ़,
- दादरा नगर हवेली और दमन और दीव,
- दिल्ली,
- जम्मू और कश्मीर,
- लक्षद्वीप,
- लद्दाख
- पुडुचेरी
केन्द्र शासित प्रदेश राजधानी और गठन
केंद्र शासित प्रदेश | राजधानी | गठन |
---|---|---|
लक्षद्वीप | कवरत्ती | 1 नवम्बर 1956 |
पुदुच्चेरी | पुदुच्चेरी | 1 नवम्बर 1956 |
अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह | पोर्ट ब्लेयर | 1 नवम्बर 1956 |
दादरा नगर हवेली एवं दमन दीव | सिलवास | 11 अगस्त 1961 |
चण्डीगढ़ | चण्डीगढ़ | 1 नवम्बर 1966 |
दिल्ली | नई दिल्ली | 1 नवम्बर 1966 |
लद्दाख | लेह | 31 अक्टूबर 2019 |
जम्मू और कश्मीर | श्रीनगर व जम्मू | 31 अक्टूबर 2019 |
केन्द्र शासित प्रदेश व मुख्यमंत्री
केंद्र शासित प्रदेश | मुख्यमंत्री |
---|---|
दिल्ली | अरविंद केजरीवाल |
पुदुच्चेरी | वी॰ नारायणस्वामी |
केन्द्र शासित प्रदेश व उपराज्यपाल
केंद्र शासित प्रदेश | उपराज्यपाल |
---|---|
लद्दाख | राधाकृष्ण माथुर |
चंडीगढ़ | विजेन्द्रपाल सिंह बदनौर |
दादरा नगर हवेली एवं दमन दीव | प्रफुल खोदा पटेल |
जम्मू और कश्मीर | मनोज सिन्हा |
लक्षदीप | दिनेश्वर शर्मा |
अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह | देवेंद्र कुमार जोशी |
दिल्ली | अनिल बैजल |
पुदुच्चेरी | तमिलसाई सुंदरराजन |
केन्द्र शासित प्रदेश व क्षेत्रफल
केंद्र शासित प्रदेश | क्षेत्रफल वर्ग किमी |
---|---|
जम्मू और कश्मीर | 42,241 |
लद्दाख | 37,555 |
अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह | 8,249 |
दिल्ली | 1,490 |
दादरा नगर हवेली एवं दमन दीव | 491 व 112 |
पुदुच्चेरी | 492 |
चंडीगढ़ | 114 |
लक्षदीप | 32 |
केन्द्र शासित प्रदेश व जनसंख्या 2011 के अनुशार
केंद्र शासित प्रदेश | जनसंख्या ( 2011 ) |
---|---|
दिल्ली | 19,67,87,941 |
जम्मू और कश्मीर | 1,25,48,926 |
अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह | 3,80,581 |
लद्दाख | 2,90,492 |
दादरा नगर हवेली एवं दमन दीव | 2,776,156 |
पुदुच्चेरी | 12,47,953 |
चंडीगढ़ | 10,55,450 |
लक्षदीप | 64,473 |
राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में अंतर
जब एक राज्य और एक केंद्र शासित प्रदेश के बीच अंतर के बारे में बात की जाती है, तो एक राज्य भारतीय निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत एक विभाजन क्षेत्र होता है, जिसमें एक अलग सरकार होती है।
राज्यों को उस प्रशासनिक इकाई के रूप में समझाया जाता है जिसकी अपनी चुनी हुई सरकार होती है।
जिसे अपने कानून बनाने का अधिकार होता है। प्रशासन के लिए इसकी अपनी विधान सभा और मुख्यमंत्री होते है। राज्यपाल राज्यों में राष्ट्रपति के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करता है। राज्य में केंद्र और राज्य के बीच संप्रभु विधायी और कार्यकारी शक्तियों का वितरण होता है।
विभिन्न राज्य आकार, जनसांख्यिकी, इतिहास, पहनावा, संस्कृति, भाषा, परंपरा आदि में भिन्न होते हैं। आजादी से पहले, भारत में दो तरह के राज्य थे। प्रांत और रियासतें, जिनमें प्रांत ब्रिटिश सरकार के नियंत्रण में थे। जबकि रियासतों पर वंशानुगत शासकों का शासन था।
जबकि केंद्र शासित प्रदेश में केंद्र सरकार का नियंत्रण होता हैं। वे उस छेत्र के विकाश के लिए कार्य करता हैं। जहा गवर्नर राष्ट्रपति का प्रतिनिधित्व करता हैं। वह क्षेत्र के विकाश और शांति के लिए जिम्मेदार होता हैं।
हालांकि, एक अपवाद के रूप में, पुडुचेरी और दिल्ली और जम्मू कश्मीर में एक निर्वाचित विधायिका और सरकार है, क्योंकि उन्हें विशेष संवैधानिक संशोधन के तहत आंशिक राज्य का दर्जा दिया गया था।
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