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ग्राम पंचायत किसे कहते हैं - what is called gram panchayat

भारत के विशाल देश हैं जिसका क्षेत्रफल 32.87 लाख वर्ग किलोमीटर है। इतने बड़े देश में गवों और कस्बों का विकास करने के लिए स्थानीय संस्था की आवश्यकता अनुभव होने लगी जिसके कारण सरकार ने ग्राम पंचायत की नीव राखी जिससे जमीनी स्तर पर विकास किया जा सके। 

ग्राम पंचायत किसे कहते हैं

ग्राम पंचायत भारतीय गाँवों की स्थानीय सरकार होती है। यह भारत में सबसे निचले स्तर पर एक एक लोकतांत्रिक संरचना का निर्माण करती है। जिसमे सरपंच पंचायत का मुख्या होता हैं। जबकि सभी वार्ड में एक एक पंच चुना जाता हैं। ग्राम पंचायत गांव के कैबिनेट के रूप में भी कार्य करता है।

ग्राम सभा ग्राम पंचायत के सामान्य निकाय के रूप में कार्य करती है। ग्राम पंचायत के सदस्य ग्राम सभा द्वारा चुने जाते हैं। भारत में लगभग 250,000 ग्राम पंचायतें हैं।

ग्राम पंचायत का इतिहास

भारत के विभिन्न राज्यों में स्थापित, पंचायत राज व्यवस्था में तीन स्तर होते हैं। जिला स्तर पर जिला परिषद, ब्लॉक स्तर पर नगर पालिका और ग्राम स्तर पर ग्राम पंचायत। 

राजस्थान पहला राज्य था जिसने ग्राम पंचायत की स्थापना की, नागौर गाँव पहला गाँव बना जहाँ 2 अक्टूबर 1959 को ग्राम पंचायत की स्थापना की गई थी।

1992 में राष्ट्रीय स्तर पर स्थानीय मामलों को निपटने में असफला मिलने के बाद, सरकार ने स्थानीय समस्या को दूर करने के उद्देश्य से पंचायतों का पुनरुद्धार किया गया ताकि गांव की विकास तेज गति से हो सके।

ग्राम पंचायत की संरचना

ग्राम पंचायत, पंचायत राज की संस्थाओं (पीआरआई) के सबसे निचले स्तर की इकाई हैं, जिसका कानूनी अधिकार 1992 का 73 वां संवैधानिक संशोधन है। जिसका संबंध ग्रामीण स्थानीय सरकारों से है।

ग्राम पंचायत को वार्डों में विभाजित किया जाता है और प्रत्येक वार्ड का प्रतिनिधित्व वार्ड सदस्य द्वारा किया जाता है, जिसे पंच या पंचायत सदस्य के रूप में भी जाना जाता है। जिसे ग्रामीणों द्वारा बहुमत से चुना जाता है। पंचायत की अध्यक्षता गांव के अध्यक्ष द्वारा की जाती है, जिसे सरपंच के रूप में जाना जाता है।

निर्वाचित प्रतिनिधियों का कार्यकाल पाँच वर्ष का होता है। पंचायत का सचिव एक गैर-निर्वाचित प्रतिनिधि होता है, जिसे राज्य सरकार द्वारा पंचायत गतिविधियों की देखरेख के लिए नियुक्त किया जाता है।

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