मुप्पावरापु वेंकैया नायडू एक भारतीय राजनेता और भारत के वर्तमान उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के अध्यक्ष हैं, जो 11 अगस्त 2017 से कार्यरत हैं। इससे पहले, उन्होंने आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन, शहरी विकास और सूचना और प्रसारण मंत्री के रूप में भी कार्य किया हैं।
वेंकैया नायडू भारतीय जनता पार्टी के एक प्रमुख नेता हैं। उन्होंने 2002 से 2004 तक राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया हैं। इससे पहले, वह अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में ग्रामीण विकास के केंद्रीय कैबिनेट मंत्री थे। तथा उन्होंने 11 अगस्त 2017 को भारत के उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति के रूप में शपथ ली।
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वेंकैया नायडू जीवन परिचय |
- जन्म तिथि - 1 जुलाई 1949
- जन्म स्थान - चावतापलेम, आंध्रप्रदेश, भारत
- राजनीतिक दल - भाजपा
- धर्म - हिन्दू
- शिक्षा - बी.ए. राजनीति, अंतरराष्ट्रीय कानून में विशेषज्ञता के साथ कानून में स्नातक की डिग्री
- जीवनसाथी का नाम - एम. उषाम्मा
- भारत के 13वें उपराष्ट्रपति के रूप में 11 अगस्त 2017 को पदभार ग्रहण किया।
प्रारंभिक जीवन
वेंकैया नायडू का जन्म 1 जुलाई 1949 को चावतापलेम, मद्रास राज्य का नेल्लोर जिला में हुआ था। उसके माता पिता रंगैया नायडू और रामनम्मा नायडू थी। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा जिला परिषद हाई स्कूल, बुचिरेड्डी पालेम से पूरी की और वीआर कॉलेज नेल्लोर से राजनीति में स्नातक की डिग्री हासिल की हैं।
बाद में, उन्होंने आंध्र यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लॉ, विशाखापत्तनम से अंतरराष्ट्रीय कानून में स्नातक की डिग्री हासिल किया।
वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य थे और अपने कॉलेज के दिनों में एबीवीपी में शामिल हो गए थे। उन्हें आंध्र विश्वविद्यालय कॉलेजों में उन्हें छात्र संघ के अध्यक्ष के रूप में भी चुना गया था। वह 1972 के जय आंध्र आंदोलन में अपनी प्रमुख भूमिका के कारण सुर्खियों में आए।
जहां काकानी वेंकट रत्नम ने विजयवाड़ा से आंदोलन का नेतृत्व किया, वहीं नायडू ने नेल्लोर से आंदोलन को आगे बढ़ाया था।
1974 में वह आंध्र प्रदेश के भ्रष्टाचार विरोधी जयप्रकाश नारायण छात्र संघर्ष समिति के संयोजक बने। वेंकैया नायडू आपातकाल के विरोध में सड़कों पर उतरे और उन्हें जेल में डाल दिया गया। नायडू जी 1977 से 1980 तक युवा शाखा के अध्यक्ष थे।
राजनीतिक कैरियर
एक छात्र नेता और राजनीतिक शख्सियत दोनों के रूप में नायडू ने प्रसिद्धि प्राप्त किया हैं। जिन्होंने किसानों के पिछड़े क्षेत्रों के विकास का समर्थन किया।
उनके राजनीतिक सक्रियता ने उनके राजनीतिक जीवन को आगे बढ़ाया और वे 1978 और 1983 में नेल्लोर जिले के उदयगिरि निर्वाचन क्षेत्र से दो बार आंध्र प्रदेश विधान सभा के लिए एक विधायक के रूप में चुने गए। जिसके बाद नायडू जी आंध्र प्रदेश में भाजपा के सबसे लोकप्रिय नेताओं में से एक बन गए।
राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के विभिन्न संगठनात्मक पदों पर सेवा देने के बाद, उन्हें 1998 में कर्नाटक से राज्यसभा के सदस्य के रूप में चुना गया था। साथ ही 2004 और 2010 मे दो बार फिर से राज्यसभा के सदस्य बने थे।
उन्होंने 1996 से 2000 तक पार्टी प्रवक्ता के रूप में काम किया। दक्षिण भारत के अधिकांश राजनेताओं के विपरीत, नायडू ने उत्तर भारत में सार्वजनिक रैलियों को संबोधित करते हुए हिंदी में महारत हासिल करने का प्रयास किया हैं।
1999 के आम चुनावों में एनडीए की जीत के बाद वह प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री बने। उन्हें ग्रामीण विकास में सुधारों के लिए आक्रामक रूप से जोर देने और इस अवधि के दौरान शुरू की गई कई योजनाओं जैसे 'प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना' के लिए जाना जाता हैं।