नागपुर संतरे के लिए प्रसिद्ध है इसी कारण कभी-कभी ऑरेंज सिटी के रूप में जाना जाता है। इसे टाइगर कैपिटल ऑफ़ इंडिया भी कहा जाता है क्योंकि इस शहर में व आसपास कई बाघ अभ्यारण्य स्थित हैं और यह शहर राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की मेजबानी भी करता हैं।
नागपुर भारत के महाराष्ट्र राज्य का तीसरा सबसे बड़ा शहर और शीतकालीन राजधानी है। जनसंख्या के हिसाब से यह भारत का 13 वां सबसे बड़ा शहर है। और ऑक्सफ़ोर्ड इकोनॉमिक्स की रिपोर्ट के अनुसार, नागपुर को 2019 से 2035 के बीच दुनिया का पाँचवाँ सबसे तेज़ गति से बढ़ने वाला शहर माना जाता है, जिसमें 8.41% की औसत वृद्धि के साथ यह महाराष्ट्र के स्मार्ट शहरों में से एक के रूप में प्रस्तावित किया गया है और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में भारत के शीर्ष दस शहर में से एक है।
एबीपी न्यूज के एक सर्वेक्षण के अनुसार, 2013 में नागपुर को भारत में सबसे अच्छे शहर के रूप में पहचान प्राप्त है। शहर को भारत के 20 वें सबसे स्वच्छ शहर और पश्चिमी भारत में शीर्ष स्थान प्राप्त है। इसे स्वच्छ सर्वक्षेण 2018 में नवाचार और सर्वोत्तम अभ्यास के लिए सर्वश्रेष्ठ शहर के रूप में सम्मानित किया गया हैं।
इस शहर को जनवरी 2018 में स्वच्छ भारत मिशन के तहत खुले में शौच मुक्त घोषित किया गया था। यह भारत में महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित शहरों में से एक है। यह शहर भारत के 111 शहरों में लिविंग इंडेक्स में 31 वें स्थान पर है। इसे 2019 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा भारत में रहने के लिए सबसे अच्छा शहर भी घोषित किया गया था।
इस शहर की स्थापना 1703 में देवगढ़ के गोंड राजा बख्त बुलंद शाह ने की थी और बाद में शाही भोंसले वंश के तहत मराठा साम्राज्य का हिस्सा बन गया। ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने 19 वीं शताब्दी में नागपुर पर अधिकार कर लिया और इसे मध्य प्रांत और बरार की राजधानी बनाया गया।