कारगिल किस राज्य में है?

कारगिल एक शहर है जो केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख की राजधानी है। लेह के बाद कारगिल लद्दाख का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। यह श्रीनगर के पूर्व में 204 किमी और पूर्व में लेह से 234 किमी पश्चिम में स्थित है। कारगिल सुरू नदी घाटी का केंद्र है। जिसे ऐतिहासिक रूप से पुरीग के नाम से जाना जाता है। 

यह एक पर्यटन स्थल हैं जो भारत पाकिस्तान युद्ध के कारण चर्चा में आया था। यहाँ की आधिकारिक भाषाएँ उर्दू, पुर्गी, लद्दाखी और अंग्रेजी हैं। कारगिल शहर में इस्लाम सबसे बड़ा धर्म है। यहाँ की लगभग 77.56% लोग इस्लाम धर्म को मानते हैं। जबकि 19.21% के साथ हिंदू दूसरा सबसे बड़ा धर्म है। बौद्ध और सिख धर्म के लोग भी यहाँ रहते हैं।

भूगोल - कारगिल हिमालय के तलहटी पर बसा हुआ हैं। यहाँ की प्रकृति बहुत ही पवन और सुन्दर हैं। जो लोगो को अपनी और आकर्षित करती हैं। कारगिल की औसत ऊंचाई समुद्र तल से लगभग 2676 मीटर है। यह शहर सुरू नदी के किनारे स्थित है। जो आगे चलकर सिंधु नदी में परिवर्तित हो जाती हैं। कारगिल शहर श्रीनगर से 205 किमी दूर स्थित है। और हिमालय के अन्य क्षेत्रों की तरह कारगिल की जलवायु समशीतोष्ण है।

गर्मियों में राते ठंडी और दिन गर्म होती हैं, जबकि सर्दियां लंबी और सर्द होती हैं। शहर का तापमान अक्सर -20 डिग्री सेल्सियस से नीचे ही रहता है। 25 जुलाई 2021 को कारगिल में 38.4 डिग्री सेल्सियस का तापमान दर्ज किया गया था।

इतिहास - कारगिल पुरीग के ऐतिहासिक क्षेत्र का मुख्य शहर है। पहले पुरीग में कई छोटे लेकिन स्वतंत्र राज्य में बटा हुआ था। जिनमें पश्कुम, चिकटन, फोकर, सोठ और सुरू घाटी शामिल थे। 

ये छोटी-छोटी रियासतें अक्सर छोटी-छोटी बातों को लेकर आपस में झगड़ती रहती थीं। 9वीं शताब्दी में एक राजकुमार गाशो पहले शासक हैं जिन्होंने इन सभी क्षेत्रों को एक साथ मिलाने में सफल हुआ था। पुरीग के एक अन्य राजा ने अपने राज्य का विस्तार करते हुए ज़ांस्कर, सोत, बरसू, संकू को वर्तमान कारगिल क्षेत्र में शामिल कर लिया था।

कारगिल युद्ध - 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के अंत में दोनों देशों ने शिमला समझौते पर हस्ताक्षर किए। कुछ समायोजन के साथ युद्धविराम रेखा को नियंत्रण रेखा में परिवर्तित कर दिया और उस सीमा के संबंध में सशस्त्र संघर्ष में शामिल नहीं होने का वचन दिया।

लेकिन 1999 में फिर से पाकिस्तानी सेना ने इस क्षेत्र में घुसपैठ की जिसे कारगिल युद्ध के नाम से जाना जाता हैं। श्रीनगर और लेह को जोड़ने वाली इकलौती सड़क के सामने 160 किमी लंबी सड़को पर लड़ाई हुई। राजमार्ग के ऊपर सैन्य चौकियां आम तौर पर लगभग 5000 मीटर की उचाई पर स्थित थीं। कई महीनों की लड़ाई और कूटनीतिक गतिविधि के बाद पाकिस्तानी सेना को नियंत्रण रेखा के अपने पक्ष में वापस आने पर मजबूर होना पड़ा था।

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