एक गांव में अनीता नाम की महिला अपने दो बेटे और बहुओं के साथ रहती थी। अनीता की छोटी बहु शोभा घर के कामों के साथ साथ दुनिया दारी में भी निपूर्ण थी तथा बड़ी बहु चांदनी बहुत ज्यादा घमंडी और स्वार्थी थी। क्योंकी उसके पिता बहुत अमीर थे और उसी के यह चांदनी के पति काम करता था।
जिसके कारण चाँदनी ने करन को पूरी तरह अपने काबू में कर लिया था। कुछ दिनों बाद चाँदनी का जन्म दिन आता है। चाँदनी अपने सहेलियों पर रॉब जमाना चाहती थी और अपने जन्म दिन पर बहोत बड़ी पार्टी देना चाहती थी।
चाँदनी की सहेलियां घर आती है तब चाँदनी अपने कमरे में जाकर पति से कहती है की तुम ही चाय नास्ता ला कर आ जाओ तभी करण झिझकते हुए कहता है ये तुम क्या कह रही हो हमरें घर में तो नौकरानी है फिर तुम मुझसे काम क्यों करवाना चाहती हो अगर मैं तुम्हारी सहेलियों की खातिरदारी करूंगा तो मेरी बेज्जती हो जाएगी फिर चाँदनी कहती है तुम्हे तुम्हारी इज्जत की पड़ी है और मेरी इज्जत का क्या मैंने अपनी सहेलियों को बोला है की मेरे पति मेरी सारी बात मानता है। मेरी गुलाम है ।
चांदनी करन को 2 मिनट का समय देती है और कहती है करण अगर तुमने मेरी बात नई मानी तो मैं अपने पिता जी से शिकायत कर दूंगी। करण न चाहते हुए भी चाँदनी की बातो को मान जाता है और चाँदनी की सहेलियों की खातिरदारी लग जाता है।
चाँदनी की सहेलियां उसके पति को काम करते देख चाँदनी की तारीफ करने लगती है और बोलती है चांदनी तुमने तुम्हारे पति पर कैसे काबू की है। चांदनी बोलती है ये तो दिमाक का का खेल है ऐसे बोलती हुयी जूस को अपने पैरों के पास जानबूझ कर गिरा देती है।
चांदनी करण को आवाज लगाती है की मेरे पैरों के पास जूस गिरा है उसे साफ कर दो फिर करन न चाहते हुए भी सफाई करने लग जाता है ये सब देख कर सोभा गुस्से से बोलती है बस दीदी आप अपने नालायक सहेलियों के सामने जेठ जी का अपमान कर रही हो। चाँदनी की सहलियाँ सोभा का गुस्सा देख वह से चले जाते है।
चाँदनी गुस्से से अपने कमरे मे आ जाती है ओर सोभा से बदला लेने को सोचती है। सोभा का जन्मदिन अगले माह में आने वाला था सोभा अपने जन्म दिन को बहुत सिम्पल तरीके से मनाती थी। दिन बीतने के साथ साथ सोभा का जन्मदिन आ गया सोभा जन्मदिन की पूरी तैयारी कर चुकी थी और मेहमान भी घर आ चुके थे।
चाँदनी सोभा से बदला लेने के लिए बिजली तार के एक सिरे को केक में रख देती है। ताकि सोभा को करंट लग जाए ये सोचते हुए चाँदनी मन ही मुस्कुराने लगती है । सोभा केक काटना शुरू करती है पर सोभा को करेंट नहीं लगता ये देख चांदनी हैरान हो जाती है और बिजली करेंट को चैक करने जाती है।
जैसे ही चांदनी होल्ड पर लगी बिजली तार को छूती है उसे करेंट लग जाती है और चांदनी वही गिर जाती है। चांदनी की रोती बिलकती आवाज सुन कर सभी लोग आ जाते है । चांदनी की सास पूछती है क्या हुआ बहु तुम ऐसे क्यों चिल्ला रही हो । नोकरानी बोलती है लगता है मैडम को करेंट लगा है फिर सब लोग बिजली तार के दूसरे सिरे को केक मे लगा हुआ देखती है ।
सबको पता चल जाता है की चाँदनी ने सोभा को नुकसान पहुचाने के लिए ये किया था । सोभा और उसकी सास चांदनी को कहते है जो दूसरों के लिए गड्ढा खोदता है वो उसी में गिरता है। चांदनी को अपनी गलती का एहसास हो जाता है। चांदनी अपने पति और सोभा से माफ़ी मांगती है।