अभियान गीत इन हिंदी लिरिक्स

डॉ. हरिवंश शय बच्न अभियान गीत में नन्हें बच्यों के माध्यम से मातृ-ममि के प्रतिऔ कर्तव्य का बोध करानते हुए देशभक्ति के प्रति लोगों को आहवान कर रहे हैं। साध ही देश के लिए बलिदान होने की भावना अपने में समाहित करने का संदेश दे रहे रहे है।।

हिंदी कविता - भारत अभियान

भारत माता के बेटे हम चलले सीना तान के ।
धर्म अलग हो, जाति अलग हो, वर्ग अलग हो, भाषाएँ,
पर्वत, सागर-तट, वन, मरुथल, मैदानों से हम आएँ ।

फौजी वदी में हम सबसे पहले हिन्दुस्तान के,
भारत माता के बेटे हम चलते सीना तान के
हिन्दुस्तान की जिस मिद्टटी में हम स ब खेले-खाए हैं,
जिसके रजकण को हम ममता-समता से अपनाए हैं,
'कर्ज चूकाने हैं हमको खुन रजकृण के एहसान के ।
भारत माता के बेटे हम चलते सीना तान के ।।

जिरसकी पूजा में  सदियों से श्रम के फूल चढ़ाए है,
जिसकी रक्षा में पुरयों ने अगणित शीश कटाए हैं ।
हम रवाले पौरषवाले खुरसके गौरव मान के
भारत माता के बेटे हम चलते सिना तान के ।।

हम गिर जाएँ कितु न गिरने देंगे देश निशान को,
हम मिट जाएँ किंतु न मिटने देंगे हिन्दूरस्तान को ।
हम हैं सबसे आगे रहते अवसर पर बलिदान के
भारत माता के बेटे हम चलते सीना तान के ।।

जो वीरतव-विवेक समर में हम सैनिक दिखलाएगे,
उसकी गाथाए भारत के गॉव, नगर, घर गारगे ।
अनगिन कंठों में गूंजेंगे बोल हमारे गान के
भारत माता के बेटे हम चलते सीना तान के ।।

शदार्थ - मरुथल -मरुस्थल, रजकण- धूल के कण, मिट्टी, एहसान भलाई, उपकार, सदियों - सौ वर्षो का समह, शताब्दी, पौरूष-पराक्रम, पुरूपार्थ, गौरव-प्रतिष्ठा आदर, महिमा, बलिदान- आत्मदान, वीरत्त -वीरता, पराक्रम, विवेक -बद़ि, समर-युद्ध, गाधाएँ-कहानियां, अनगिन-अनंत, जिसको गिना न जा सके।

Related Posts