आयु संरचना किसे कहते हैं
जनसंख्या की आयु संरचना विभिन्न आयु के लोगों का वितरण है। यह सामाजिक वैज्ञानिकों, सार्वजनिक स्वास्थ्य और स्वास्थ्य देखभाल विशेषज्ञों, नीति विश्लेषकों और नीति-निर्माताओं के लिए एक उपयोगी उपकरण है क्योंकि यह जन्म और मृत्यु की दर जैसी जनसंख्या प्रवृत्तियों को दर्शाता है।
1. जन्म-दर - किसी देश या क्षेत्र में प्रति हजार व्यक्तियों पर एक वर्ष में जन्मे जीवित बच्चों की संख्या को जन्म दर कहा जाता है। सन् 2001 की जनगणना के अनुसार भारत में जन्म दर 26-4 व्यक्ति प्रति हजार है।
2. मृत्यु दर – किसी देश या क्षेत्र में प्रति हजार व्यक्तियों पर एक वर्ष में मरने वालों की संख्या को मृत्यु दर कहते हैं । सन् 1981 की जनगणना के अनुसार भारत में मृत्यु दर 15 व्यक्ति प्रति हजार है।
3 शिशु मृत्यु दर – एक वर्ष से कम आयु वाले बच्चों की प्रति हजार व्यक्तियों पर होने वाली मृत्यु संख्या शिशु मृत्यु - दर है । सन् 1999-2000 की गणना के अनुसार भारत में शिशु मृत्यु दर 71.6 व्यक्ति प्रति हजार है।
4. जीवन-प्रत्याशा - यह वह औसत आयु है, जिस तक किसी देश के अधिकांश लोगों के जीवित रहने की आशा की जाती है। भारत में यह औसत आयु 62-6 वर्ष है।
आयु संरचना
आयु के अनुसार जनसंख्या को निम्नांकित तीन वर्गों में विभाजित किया जाता है -
1. बाल जनसंख्या – 15 वर्ष से कम आयु वाली जनसंख्या बाल जनसंख्या होती है। विश्व की कुल जनसंख्या का 35.6% भाग बाल जनसंख्या है। विकसित देशों में बाल जनसंख्या का प्रतिशत 25 या इससे भी कम है, किन्तु विकासशील देशों में बाल जनसंख्या 40% है। जिन देशों में जन्म दर उच्च होती है, वहाँ बाल जनसंख्या का प्रतिशत अधिक होता है । आयु-संरचना जनसंख्या
2. युवा जनसंख्या - 15 से 59 वर्ष तक की आयु वाली जनसंख्या को युवा जनसंख्या कहा जाता है । विकसित देशों में यह आयु संवर्ग 15 से 65 वर्ष तक की आयु को माना जाता है। आर्थिक दृष्टि से इस संवर्ग की जनसंख्या महत्त्वपूर्ण होती है, क्योंकि सामान्यतः बाल जनसंख्या तथा वृद्ध जनसंख्या का भार इसी पर होता है ।
3. वृद्ध जनसंख्या - 60 वर्ष तथा इससे अधिक आयु वाली जनसंख्या वृद्ध जनसंख्या मानी जाती है। विकसित देशों में वृद्ध जनसंख्या 15% तक है । विकासशील देशों में वृद्ध जनसंख्या केवल 5% तक है। भारत में 60 वर्ष से ऊपर की जनसंख्या 6.1% है।
आयु संरचना को प्रभावित करने वाले कारक
1. जन्म दर - उच्च जन्म-दर वाले क्षेत्रों में बाल जनसंख्या का अनुपात अधिक होता है तथा न्यून जन्म-दर में युवा जनसंख्या का अनुपात अधिक होता है।
2. मृत्यु दर - शिशु मृत्यु दर अधिक होने पर बाल जनसंख्या का अनुपात कम रहता है। इसी प्रकार से वृद्ध मृत्यु दर कम होने पर वृद्ध जनसंख्या का अनुपात बढ़ता है।
3. प्रवास - प्रवास प्रायः युवा जनसंख्या द्वारा किया जाता है, अतः जहाँ से प्रवास होता है, वहाँ युवा जनसंख्या का अनुपात कम तथा जहाँ को प्रवास होता है, वहाँ युवा जनसंख्या का अनुपात अधिक होता है।