महादेवी वर्मा की गीतिकाव्य की विशेषताएं

गीतिकाव्य में आत्माभिव्यंजना, रागात्मकता, कल्पनाशीलता संगीतात्मकता, भाव सम्बन्धी एकरूपता, शैलीगत सुकुमारता व आकार सम्बन्धी लघुता आदि विशेषताएँ दृष्टिगत होती हैं। इस आधार पर जब हम महादेवी वर्मा के गीतों को देखते हैं तो वे अपनी स्वाभाविकता, सरसता, रोचकता, रागात्मकता व प्रतीकात्मकता में अद्वितीय है। अपनी विशिष्टता के कारण महादेवी वर्मा के गीत हिन्दी गीति-काव्य में सर्वोपरि स्थान में है।

महादेवी वर्मा के गीत वैयक्तिक सुख व दुःख की अनुभूतियों का भण्डार है। इतना ही नहीं ये गीत जगत् की आकुल-व्याकुल वेदना से भी सम्पृक्त है वे लिखती है।

विरह का जलजात जीवन, विरह का जलजात,
वेदना में जन्म करुणा में मिला आवास 
अश्रु चुनता दिवस इसका, अश्रु गिनती रात 
जीवन विरह का जलजात

वैयक्तिकता के साथ रागात्मकता का तत्व महादेवी वर्मा के गीतों में अत्यधिक मात्रा में विद्यमान है। उनके कई वर्णनों में रागात्मकता सजीव हो उठी है। महादेवी का गीति-काव्य संगीतात्मकता से सराबोर है। उनके गीतों में संगीत की मधुर सरिता अविच्छिन्न रूप से प्रवाहित हो रही है। उनके गीतों में नाद सौन्दर्य देखते ही बनता है।

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