खनिज आधारित उद्योग में कच्चा माल खनिज अयस्कों से प्राप्त किया जाता हैं। यह कई लोगो को रोजगार प्रदान करता है। खनिज आधारित उद्योगों में इस्पात, लौह उद्योग के साथ-साथ मशीनरी उद्योग शामिल होते हैं।
खनिज आधारित उद्योग किसे कहते हैं
खनिज पृथ्वी पर पाया जाने वाला महत्वपूर्ण संसाधन है, मानव के विकास में खनिज का योगदान महत्वपूर्ण है। जिन उद्योगों में कच्चे माल के रूप में खनिजों का उपयोग किया जाता है। वे खनिज आधारित उद्योगों होते हैं। इन उद्योगों को दो वर्गों में बांटा गया है। लौह तथा अलौह उद्योग।
1. लौह धातु उद्योग - ये उद्योग ऐसी धातुओं पर आधारित होते हैं, जिनमें लोहांश होता है। लोहा तथा इस्पात उद्योग, रेल इंजन उद्योग इसके उदाहरण हैं।
2. अलौह धातु उद्योग - ये उद्योग ऐसे खनिजों पर आधारित होते हैं, जिनमें लोहांश नहीं होता जैसे ताँबे व ऐल्यूमिनियम पर आधारित उद्योग।
लोहा और इस्पात उद्योग मूलभूत उद्योग होते है क्योंकि विभिन्न उद्योग अपने उपकरण के लिए इन्ही उद्योगों पर निर्भर करती है। इस प्रकार के उधोगों में भारी मशीनरी और पर्याप्त परिवहन की आवश्यकता होती हैं। स्टील के निर्माण और उपयोग को अक्सर देश की उन्नति सूचक माना जाता है।
उद्योग के लाभ
कच्चे माल की उपलब्धता, भूमि, पानी, श्रम, बिजली, पूंजी, परिवहन और बाजार सभी का असर उद्योगों पर पड़ता है। उद्योग उन क्षेत्रों में होते हैं जहां इनमें से सभी मानदंडों तक आसानी से पंहुचा जा सके। अविकसित क्षेत्रों में उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार बिजली, परिवहन और अन्य बुनियादी जरूरतों को प्रदान करती है। औद्योगीकरण के कारण कस्बों और शहरों का विकास और विस्तार होता है।
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