लिंग अनुपात क्या है

किसी देश या क्षेत्र में पुरुष और स्त्रियों के अनुपात को लिंग अनुपात कहते हैं । इस अनुपात को भिन्नभिन्न देशों में भिन्न-भिन्न रूपों में प्रकट किया जाता है। भारत में लिंग अनुपात प्रति एक हजार पुरुषों पर स्त्रियों की संख्या के रूप में प्रकट किया जाता है। 

जैसे- सन् 2001 की जनगणना के अनुसार भारत में लिंग अनुपात 1000 : 933 है,(अर्थात् प्रति हजार पुरुष पर 933 स्त्री) बुढ़ापे में पुरुषों की अपेक्षा स्त्रियों की संख्या अधिक होती है। लिंग अनुपात को प्रभावित

लिंग अनुपात को प्रभावित करने वाले कारक

1. जन्म दर – जिन देशों या क्षेत्रों में जन्म दर उच्च होती है, वहाँ लिंग अनुपात न्यून होता है, क्योंकि विश्व के सभी क्षेत्रों में जन्म के समय स्त्रियों की तुलना में पुरुषों की संख्या अधिक होती है।

2. मृत्यु दर – उच्च मृत्यु-दर होने पर लिंग अनुपात कम रहता है, क्योंकि स्त्रियों की तुलना में पुरुषों की मृत्यु दर सामान्यतः अधिक होती है । 

3. प्रवास – जिन क्षेत्रों से प्रवास होता है, वहाँ लिंग अनुपात अधिक होता है, क्योंकि प्रवास पुरुष अधिक करता है।

4. युद्ध – युद्ध में प्रायः पुरुष वर्ग भाग लेता है, अतः इससे भी लिंग अनुपात बढ़ता है ।

विकसित देशों में लिंग अनुपात स्त्रियों के पक्ष में पाया जाता है, क्योंकि वहाँ मृत्यु दर कम है और स्त्रियों की स्थिति अच्छी है। विकासशील देशों में लिंग अनुपात पुरुषों के पक्ष में है ।

लिंग अनुपात का विश्व प्रतिरूप – विश्व स्तर पर पुरुषों की संख्या स्त्रियों से अधिक है, परन्तु महाद्वीपीय स्तर पर भिन्नता पायी जाती है। यूरोप, उत्तरी अमेरिका व अफ्रीका में स्त्रियों की संख्या पुरुषों से अधिक । 

सर्वाधिक लिंग अनुपात (1,057 ) यूरोप, (1,050) उत्तरी अमेरिका तथा (1,017) अफ्रीका महाद्वीप 15% में है। एशिया महाद्वीप में स्त्रियों की संख्या ( 960) कम है, जबकि पूर्व सोवियत रूस में प्रति 1,000 पुरुषों पर स्त्रियों की संख्या

यूरोपीय देशों में पुरुषों की कमी मिलती है, जिसका प्रमुख कारण द्वितीय विश्व युद्ध में युवा पुरुषों की अधिक मृत्यु रहा है। उत्तरी अमेरिका व अफ्रीका में पुरुषों की कमी का कारण पुरुषों की मृत्यु दर अधिक होना रहा है। लैटिन अमेरिका, आस्ट्रेलिया व न्यूजीलैण्ड में प्रवास के कारण पुरुषों की अधिकता है। 

सामान्यता विकसित देशों में स्त्रियों की संख्या पुरुषों की तुलना में अधिक है, क्योंकि वहाँ मृत्यु दर कम है और स्त्रियों की स्थिति अच्छी है। विकासशील देशों में लिंग अनुपात पुरुषों के पक्ष में है, क्योंकि वहाँ स्त्रियों की सामाजिक स्थिति पुरुष से नीची है।

कृषि प्रधान देशों में ग्रामीण जनसंख्या का अनुपात अधिक है, जबकि औद्योगिक दृष्टि से विकसित देशों में नगरीय जनसंख्या अधिक है। एशिया तथा अफ्रीका ही दो ऐसे महाद्वीप हैं जहाँ 60% से अधिक जनसंख्या ग्रामीण है। 

उत्तरी अमेरिका (77%) में भारत की कुल जनसंख्या का 72% से अधिक ग्रामीण जनसंख्या 6 लाख से अधिक गाँवों में निवास करती है। यहाँ की संस्कृति का आधार ग्रामीण जीवन व कृषि ही है।

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