प्राकृतिक संपदा का अर्थ - prakritik sampada kya hai

भूमि, मृदा, भू-दृश्यावली जैसे पर्वत, पठार, मैदान, खाड़ी, झील, सागर, बहता जल, भूमिगत जल, वायु, वनस्पतियाँ, चट्टानें, खनिज, मछली, जीव-जन्तु आदि जैव-अजैव तत्व प्राकृतिक सम्पदा कहलाते हैं। प्राकृतिक संसाधन नहीं। 

प्राकृतिक सम्पदा विस्तृत है तथा आर्थिक, सामाजिक व सांस्कृतिक विकास का आधार है। ये संसाधन तभी कहलायेंगे, जब मानव इनका उपभोग व उपयोग अपनी आवश्यकताओं के लिए करता है। इसके लिए चाहे उसे अपनी बुद्धि, श्रम, तकनीकी ज्ञान एवं अनुभव के द्वारा उसके रूप, गुण आदि में परिवर्तन क्यों न करना पड़े।



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