राहुल सांकृत्यायन का जीवन परिचय लिखिए

जीवन वृत-'यायावर' का जीवन जीने वाले राहुल सांकृत्यायन का जन्म रविवार 5 अप्रैल 1893 ई. को उत्तरप्रदेश के जिला आजमगढ़ के पन्दहा ग्राम में हुआ था यह उनके नाना का गाँव है। उनके व्यक्तित्व पर उनके नाना-नानी का प्रभाव है इनके पिता गोवर्धन पाण्डे पन्दहा से लगभग 10 मील की दूरी पर कैनला गाँव के वासी थे। 

माता-पिता की अकाल मृत्यु के कारण इनकी परवरिश ननिहाल में हुई। राहुल जी का बचपन का नाम केदार पाण्डेय था। उनके गोत्र का नाम संकृति था। गोत्र के नाम के आधार पर आप को सांकृत्यायन उपनाम से अभिहित किया गया। आपकी बचपन से ही बौद्ध-धर्म में विशेष रुचि और आस्था थी। 

अतः आपने अपना नाम बदलकर महात्मा बुद्ध के पुत्र के नाम पर राहुल रख लिया। आपकी प्रारम्भिक शिक्षा रानी की सराय में हुई। इसके बाद सन् 1907 में आपने निजामाबाद से उर्दू मिडिल परीक्षा उत्तीर्ण की। इसके पश्चात् आपने संस्कृत की उच्च शिक्षा वाराणसी में प्राप्त की।

व्यक्तित्व-आप प्रारम्भ से ही जिज्ञासु खोजी और प्रतिभावान थे और आपको हमेशा घूमने का भूत सवार रहता था। अतएव विद्यार्थी काल में ही भारत वर्ष के महत्वपूर्ण स्थानों का पर्यटन इव्हान कर लिया था। बड़े होने पर लंका, तिब्बत, ईरान, रूस आदि स्थानों का भ्रमण किया और नई जीवन दृष्टि से इन देशों को इनकी संस्कृति और पृष्ठभूमि को देखा । 

आज राहुल जी भारत में ही नहीं वरन् विश्व के महान पंडित माने जाते हैं। ये प्रसिद्ध साम्यवादी विचारक लेखक, त्रिपटकाचार्य, अन्वेषक कथाकार और विश्व यात्री के रूप में जगत प्रसिद्ध हैं। वस्तुतः ये भारत के अवैतनिक सांस्कृतिक दूत के रूप में घूमें और भारत की अज्ञात घरोहर को खोज कर लाये । हिन्दी के क्षेत्र में आप जैसा विभिन्न दृष्टिकोण वाला और कोई व्यक्तित्व नहीं दिखाई देता है।

भारत का यह अनन्य पुजारी महापण्डित 14 अप्रैल सन् 1963 को इस संसार को त्यागकर पंचतत्व में लीन हो गया।

कृतित्व-राहुल जी ने अपनी निर्बाध लेखनी से विभिन्न विषयों पर 150 से अधिक ग्रन्यों की रचना की है। आपके प्रकाशित ग्रन्थों की संख्या 130 है। इनमें धर्म, दर्शन, लोक-साहित्य यात्रासाहित्य, जीवनी, राजनीति, इतिहास, संस्कृत ग्रंथों की टीकायें, कोष ग्रव्य आदि प्रमुख हैं आपकी निम्नलिखित कृतियाँ आपकी विदेश-यात्राओं को सूचित करती हैं

(1) यात्रा सम्बन्धी साहित्यिक कृतियाँ-मेरी लद्दाख यात्रा, मेरी तिब्बत यात्रा, तिब्बत में सवा वर्ष, मेरी यूरोप यात्रा, यात्रा के पन्ने, रूस में पच्चीस मास, घुमक्कड़-शास्त्र।

(2) कहानी-कनैला की कथा, वोल्गा से गंगा, बहुरंगी मधुपुरी, सतमी के बच्चे। 

(3) जीवनी-नये भारत के नये नेता, मेरी जीवन यात्रा !

(4) उपन्यास-शैतान की आँख, विस्मृति के गर्भ में, जादू का मुल्क, जीने के लिये, सिंह सेनापति, जय यौधेय, मधुर स्वप्न, सप्त सिन्धु ।

(5) साहित्य और इतिहास-पुरातत्व निबन्धावलि, तिब्बत में बौद्ध धर्म, कुरान-सार, हिन्दी काव्यधारा, इस्लाम धर्म की रूपरेखा, मध्य एशिया का इतिहास

(6) कोष-ग्रन्य-शासन शब्द-कोष, राष्ट्र-भाषा कोष। 

(7) दर्शन-दर्शन दिग्दर्शन बौद्ध-दर्शन, वैज्ञानिक भौतिकवाद । 

(8) विज्ञान-विश्व की रूपरेखा।

(9) बौद्ध-धर्म-बुद्धचर्या, मज्झिम निकाय, दीघनिकाय, विनय-पिटक, धर्म-पद, बौद्ध दर्शन। 

(10) देश-दर्शन-सोवियत-भूमि किन्नर-देश, हिमाचल प्रदेश, जौनसार, देहरादून आदि। 

(11) साम्यवाद और राजनीति-बाईस वीं सदी, साम्यवाद ही क्यों, दिमागी गुलामी, क्या करें, तुम्हारी राय, सोवियत व्याय, राहुल जी का अपराध, सोवियत संघ की कम्युनिस्ट पार्टी, मानव-समाज, मार्क्सवाद पाठावलि।

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