आरक्षित वन किसे कहते हैं?

नमस्कार दोस्तों इस पोस्ट में आरक्षित वन से संबंधित जानकारी दी जा रही हैं। असा करता हु की इसे पढ़कर आपके ज्ञान में वृद्धि होगी। पहले वन क्या हैं इसके बारे में जानना जरुरी हैं। वह भूमि जो पेड़ों, झाड़ियों और अन्य वनस्पतियों से आच्छादित होता है। उसे वन कहा जाता हैं। वन कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करके और ऑक्सीजन जारी करके पृथ्वी के वातावरण के संतुलन को बनाए रखने में मदद करते हैं, वन्य जीवों के लिए यह घर प्रदान करता हैं।

आरक्षित वन किसे कहते हैं

आरक्षित वन एक कानूनी रूप से संरक्षित वन क्षेत्र होता है। इसका उद्देश्य जैव विविधता और प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षण देना है। इन वनों को किसी भी मानवीय गतिविधियों से दूर रखा जाता है जिससे पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान न हो।

आरक्षित वनों का देख रेख वन विभाग द्वारा किया जाता है। वन विभाग आरक्षित वनों और उनके संसाधनों की सुरक्षा, प्रबंधन और संरक्षण के लिए जिम्मेदार होता है। आरक्षित वन जैव विविधता के संरक्षण और पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।

आरक्षित वनों में पर्यटक प्रकृति की सुंदरता और वन्य जीवन का आनंद ले सकते हैं, लेकिन वन पारिस्थितिकी तंत्र की सुरक्षा और संरक्षण सुनिश्चित करने के लिए वन विभाग द्वारा निर्धारित नियमों का पालन करना महत्वपूर्ण होता है।

भारत में आरक्षित वनों का प्रतिशत

2021 तक भारत में आरक्षित वनों का प्रतिशत लगभग 4.95% है। इंडिया स्टेट ऑफ़ फ़ॉरेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, भारत में कुल वन आरक्षित क्षेत्र 712,249 वर्ग किलोमीटर है, जो देश के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 21.67% है।

भारत सरकार वन संसाधनों के संरक्षण और प्रबंधन के लिए विभिन्न पहल कर रही है और नीतियों को लागू कर रही है। इन प्रयासों में राष्ट्रीय वन नीति, 1988 और वन संरक्षण अधिनियम, 1980 शामिल हैं, जिनका उद्देश्य वनों और वन्यजीवों की रक्षा करना और स्थायी वन प्रबंधन को समर्थन करना है।

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