राजकोषीय नीति किसे कहते हैं?

किसी देश के पास मौजूद सम्पूर्ण आर्थिक संसाधन राजकोष कहलाता है। राजकोष एक देश के वित्तीय संपत्तियों के प्रबंधन के लिए बनाया गया मंत्रालय है। जिसमें सरकार के बजट का प्रबंधन, कर एकत्र करना, ऋण जारी करना, अधिशेष निधि का निवेश करना और राष्ट्रीय ऋण का प्रबंधन करना शामिल है।

राजकोषीय नीति किसे कहते हैं - rajkoshiya niti kya hai

जबकि नीति नियमों और सिद्धांतों का समूह है, जो किसी विशेष क्षेत्र या मुद्दे को नियंत्रित करने के लिए किसी संगठन या सरकार द्वारा स्थापित किए जाते हैं। नीतियां आमतौर पर विशिष्ट लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए बनाई जाती हैं।

राजकोषीय नीति किसे कहते हैं

राजकोषीय नीति सरकार के आर्थिक प्रबंधन के लिए उपयोग की जाने वाली एक नीति है। इसमें सरकार द्वारा सेव की गयी धनराशि और आम जनता से लिए गए कर (टैक्स) सामिल होते हैं। इस धनराशि का उपयोग सरकार विकास के लिए करता है।

राजकोषीय नीति दो प्रकार की होती हैं - विस्तारवादी और संक्षेपवादी।

विस्तारवादी राजकोषीय नीति द्वारा सरकार विभिन्न उद्योगों में निवेश करती है जो आर्थिक विकास को बढ़ावा देते हैं। संक्षेपवादी राजकोषीय नीति में सरकार खर्चों को कम करती है और अधिक कर लेती है, जिससे वह आर्थिक विकास को नियंत्रित करती है।

राजकोषीय नीति का उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक सुरक्षा और जन कल्याण को प्रोत्साहित करना होता है। सरकार राजकोषीय नीति के माध्यम से अपनी आर्थिक नीतियों को सुधारती रहती है। इस नीति के माध्यम से सरकार विभिन्न आर्थिक समस्याओं का समाधान करती है जैसे कि बेरोजगारी, उद्योग विकास, कृषि विकास, निवेश आदि। राजकोषीय नीति द्वारा सरकार वित्तीय संस्थाओं को भी प्रभावित करती है जैसे बैंक, बीमा, निवेश आदि।

देश में रोजगार लाने एवं अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए सरकार कई आर्थिक नियम बनती हैं। जिसे राजकोषीय नीति कहा जाता हैं। राजकोषीय नीति का प्रमुख कार्य पूँजी निर्माण को प्रोत्साहित करना है। इस नीति का प्रत्यक्ष संबंध देश की बचत, विनियोग, पूँजी निर्माण एवं वित्तीय साधनों से होता है।

सरकार का दृष्टिकोण सदैव बजट को सन्तुलित करने का होता है और आवश्यकता पड़ने पर आन्तरिक एवं बाह्य ऋण भी सरकार द्वारा लिया जाता है। इस प्रकार राजकोषीय नीति का संबंध सरकार की आय-व्यय एवं बचत से है।

राजकोषीय नीति के उद्देश्य

राजकोषीय नीति के प्रमुख उद्देश्य निम्नांकित हैं -

  1. राजकोषीय नीति का उद्देश्य आय की असमानता को दूर करना है।
  2. राजकोषीय नीति का प्रयोग मुद्रा प्रसार के प्रभाव को रोकने के लिए किया जा सकता है।
  3. करों से प्राप्त आय को निजी उद्योग के विकास पर व्यय किया जा सकता है।
  4. राजकोषीय नीति का उद्देश्य देश में बचत एवं विनियोग को बढ़ाना है।

Related Posts