अनुवाद क्या है ? इसे सांस्कृतिक सेतु की संज्ञा क्यों दी जाती है।
अनुवाद का शाब्दिक अर्थ है किसी के कहने के बाद कहना। किसी कथन का अनुवर्ती कथन, पुन: कथन अथवा पुनरुक्ति। वर्तमान में एक भाषा में कही हुई बात को दूसरी भाषा में कहना या बतलाना अनुवाद कहलाता है। अनुवाद एक ऐसी तकनीक है जिसका आविष्कार मनुष्य ने बहुभाषिक स्थिति की विडम्बनाओं से बचने के लिए किया था।
अनुवाद का लक्ष्य भाषा के भाव-वैभव को नहीं अपितु उसकी उसी तरह की व्यंजना को भी दूसरी भाषा में यथावत रूपांतरित करना होता है। अनुवाद को सांस्कृतिक सेतु की संज्ञा प्रदान की जाती है।
यह बिल्कुल सत्य है कि किसी देश के साहित्य एवं संस्कृति को समझने के लिए अनुवाद ही एकमात्र माध्यम है। सामाजिक परम्पराओं एवं सामाजिक बुनावट को समझने के लिए भी अनुवाद की आवश्यकता होती है। अनुवाद के माध्यम से हम सम्पूर्ण विश्व से जुड़ जाते हैं।