अर्द्ध- सरकारी पत्र विभिन्न सरकारी अधिकारियों के बीच होता है। यह किसी भी अधिकारी के पास उसके व्यक्तिगत नाम से भेजा जाता है। इस पत्र का उद्देश्य अधिकारियों की व्यक्तिगत सम्मति जानना, जानकारी या सूचना पाना तथा विचार-विमर्श का आदान-प्रदान करना होता है।
अर्द्ध- सरकारी पत्र उत्तम पुरुष में लिखा जाता है। संबोधन में प्रिय लिखा जाता है। पत्र के अन्त में स्वनिर्देश विनम्र भाव को व्यक्त करता है।
इसमें प्रेषित अधिकारी अपना हस्ताक्षर ही करता है। पद के नाम का उल्लेख नहीं किया जाता है।
अर्द्ध- सरकारी पत्र का नमूना
प्रिय,
श्री सुरेश चन्द्र जी,
आपको यह सूचित करते हुए मुझे प्रसन्नता है कि आपके आदेश क्रमांक-720/10 भो. दिनांक 08-0820... के अनुसार हिन्दी में स्नातकोत्तर कक्षाएँ प्रारम्भ कर दी गई हैं।
छात्रों ने प्रवेश प्राप्त कर लिया है। प्राध्यापकों की कमी को ध्यान में रखते हुए वरिष्ठ प्राध्यापक की पद स्थापना करने की व्यवस्था करें।
सधन्यवाद।
श्री सुरेश चन्द्र
भोपाल हस्ताक्षर