Ad Unit

बैंक की परिभाषा - baink kee paribhaasha

बैंक की परिभाषाएँ 

आधुनिक समय में ‘बैंक’ शब्द इतना अधिक लोकप्रिय हो गया है कि सामान्य जनता भी इनसे भली-भाँति परिचित है। प्राय: बैंक से आशय, ऐसी संस्था से लिया जाता है, जो धन का लेन-देन करती है । बैंक की कुछ प्रमुख परिभाषाएँ निम्नांकित हैं -

1. भारतीय बैंकिंग कम्पनीज अधिनियम, 1949 के अनुसार - बैंकिंग से आशय ऋण देने अथवा विनियोजन के लिए जनता का धन जमा करना है, जो माँग करने पर लौटाया जा सकता है तथा चेक ड्राफ्ट अथवा अन्य प्रकार की आज्ञा द्वारा निकाला जा सकता है। 

2. प्रो. ए. जी. हार्ट के अनुसार - बैंक वह है, जो अपने साधारण व्यवसाय में धन प्राप्त करता है तथा जिससे वह उन व्यक्तियों के चैकों का भुगतान करता है। जिनसे खातों में वह धन प्राप्त करता है।

3. प्रो. फिण्डले शिराज के अनुसार बैंक उस व्यक्ति, फर्म या कम्पनी को कहते हैं, जिसके पास एक व्यावसायिक स्थान है, जहाँ पर मुद्रा या चलन के संग्रह या जमा के आधार पर कार्य किया जाता है और जिसकी जमा का ड्राफ्ट चेक या आर्डर द्वारा भुगतान किया जाता है या जहाँ स्टॉक बॉण्ड, बुलियन और विपत्रों पर मुद्रा उधार दी जाती है अथवा जहाँ प्रतिज्ञा पत्र बट्टे पर बेचने हेतु लिए जाते हैं। 

4. किनले के अनुसार, “बैंक एक ऐसी संस्था है जो ऋण की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए ऐसे लोगों को उधार देती है जिन्हें उसकी आवश्यकता होती है तथा जिसके पास व्यक्तियों द्वारा अपनी अतिरिक्त मुद्रा जमा की जाती है।

5. वेब्सटर शब्दकोष के अनुसार - बैंक वह संस्था है जो मुद्रा में व्यवसाय करती है। एक ऐसा प्रतिष्ठान है जहाँ धन, जमा संरक्षण एवं निर्गमन होता है तथा ऋण एवं कटौती की सुविधाएँ प्रदान की जाती हैं और एक स्थान से दूसरे स्थान पर रकम भेजने की व्यवस्था की जाती है ।”

6. आधुनिक अर्थशास्त्रियों के अनुसार - बैँक वह संस्था है जो मुद्रा और साख में व्यवसाय करती है। 

व्यापारिक बैंक का अर्थ 

व्यापारिक बैंक का अर्थ, उन बैंकों से होता है। जिनकी स्थापना बैंकिंग कार्य को सम्पन्न करते हैं। जैसे- पंजाब नेशनल बैंक, इलाहाबाद बैंक, स्टेट बैंक, सेन्ट्रल बैंक ऑफ इण्डिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक आदि। व्यापारिक बैंक अन्य वित्तीय संस्थाओं से इस बात में भिन्न होते हैं कि बैंक अपनी जमा के आधार पर साख मुद्रा का सृजन करते हैं, वहीं वित्तीय संस्थाएँ यह कार्य नहीं करती हैं।

व्यापारिक बैंकों की कुछ परिभाषाएँ निम्न हैं

1. प्रो. क्राउथर के अनुसार - व्यापारिक बैँक वह संस्था है, जो अपनी स्वयं की तथा जनता की साख का व्यापार करती है। 

2. भारतीय कम्पनी अधिनियम के अनुसार, "जो लाभ के उद्देश्य से साख का क्रय-विक्रय करते हैं, उन्हें व्यापारिक बैंक कहते हैं। 

3. आक्सफोर्ड शब्दकोष के अनुसार - व्यापारिक बैंक वह संस्था है, जो ग्राहक के आदेश पर उसके धन को सुरक्षित रखती है।

Related Posts

Subscribe Our Newsletter