सहकारी बैंक एवं व्यापारिक बैंक में अन्तर।

 सहकारी बैंक एवं व्यापारिक बैंक में अन्तर 

सहकारी बैंक एवं व्यापारिक बैंक में प्रमुख अन्तर निम्नांकित हैं -

सहकारी बैंक व्यापारिक बैंक
सहकारी बैंकों की स्थापना एवं इनका संचालन भारतीय सहकारी समिति अधिनियम के अन्तर्गत किया जाता है।   व्यापारिक बैंकों की स्थापना एवं इनका संचालन बैंकिंग अधिनियम (सन् 1949) के अन्तर्गत किया जाता है।
सहकारी बैंकों पर बैंकिंग अधिनियम (सन् 1949) की केवल कुछ ही धाराएँ लागू होती हैं।

व्यापारिक बैंकों पर बैंकिंग अधिनियम (सन् 1949) की सम्पूर्ण धाराएँ लागू होती हैं।

सहकारी बैंकों पर रिजर्व बैंक का आंशिक नियंत्रण रहता है। व्यापारिक बैंकों पर रिजर्व बैंक का पूर्ण नियंत्रण रहता है।
सरकारी बैंक एक निर्धारित क्षेत्र के अन्तर्गत ही अपना कार्यक्षेत्र फैला सकते हैं। व्यापारिक बैंक देश के विभिन्न भागों में अपने कार्यक्षेत्र का विस्तार कर सकते हैं। 
सहकारी बैंक केवल अपने सदस्यों की जमाएँ प्राप्त करते हैं तथा उन्हें ही ऋण प्रदान करते हैं। व्यापारिक बैंक सभी व्यक्तियों से जमाएँ प्राप्त कर सकते हैं तथा किसी भी व्यक्ति को ऋण प्रदान कर सकते हैं। 
सहकारी ढाँचे के अर्न्तगत केवल राज्य सहकारी बैंक ही भारतीय रिजर्व बैंक से प्रत्यक्ष सम्पर्क स्थापित कर सकता है। प्रत्येक व्यापारिक बैंक को भारतीय रिजर्व बैंक से पुनवित्त सुविधाएँ प्राप्त करने का अधिकार प्राप्त है।
सहकारी बैंक का प्रत्येक सदस्य बैंक की साधारण सभा का सदस्य होता है । व्यापारिक बैंक संयुक्त स्टॉक बैंक होते हैं।
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