ज्ञापन किसे कहते हैं - gyaapan kise kahate hain

ज्ञापन का प्रयोग किसी बात को या तो आदेश के रूप में या आवेदन के रूप में ज्ञापित करने के लिए किया जाता है। इसका प्रयोग कार्यालयों या मंत्रालयों के मध्य पत्राचार के लिए या कर्मचारियों को कोई सूचना अथवा चेतावनी देने के लिए किया जाता है। 

निष्कर्षत: ज्ञापन का प्रयोग सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए दो विभागों के मध्य किया जाता है। इसे अंग्रेजी में ‘मेमोरेण्डम या संक्षेप में 'मेमो' कहा जाता है। 

ज्ञापन की विशेषताएँ

ज्ञापन में निम्नलिखित विशेषताएँ होती हैं -

(1) इसके आरंभ में न तो कोई संबोधन होता है और न ही कोई औपचारिकता । 

(2) यह अन्य पुरुष में लिखा जाता है। 

(3) इसकी शैली आदेशात्मक होती है। 

(4) ऐसे आदेश जिसकी पूर्णरूप से जानकारी न हो। 

(5) इसमें अधोलेख नहीं होता। 

(6) इसमें हस्ताक्षर कर्ता के नाम तथा पदनाम का उल्लेख होता है । 

(7) इसके प्रथम अनुच्छेद पर क्रमांक नहीं दिया जाता, किन्तु बाद के अनुच्छेदों में क्रमांक दिये जाते हैं। 

कार्यालय ज्ञापन का उदाहरण 

क्रम संख्या
भारत सरकार, 
गृह मंत्रालय, 
नई दिल्ली - 110003 
दिनांक 15 जुलाई, 20....

विषय - मकान देने संबंधी सूचना। 

मुझे यह निर्देश प्राप्त हुआ है कि द्वितीय श्रेणी के पाँच मकान करोलबाग क्षेत्र में खाली हो गए हैं। इसलिए जो कर्मचारी इन मकानों में रहना चाहते हों, वे अपनी वरीयता के क्रम अपने प्रार्थना-पत्र 15 फरवरी, 20.... तक प्रस्तुत कर देवें ताकि उन पर विचार करके मकानों को उन्हें दिया जा सके ।

प्रति - सभी राजकीय कार्यालय

(हस्ताक्षर).
संयुक्त सचिव 
गृह मंत्रालय
भारत सरकार

परिपत्र

कार्यालय में सूचनाओं और आदेशों को जिन पत्रों के माध्यम से प्रसारित किया जाता है, उन्हें परिपत्र के रूप में जाना जाता है। यह हमेशा उच्च कार्यालय द्वारा अपने अधीनस्थ कार्यालय को प्रेषित किया जाता है। अंग्रेजी में इसे Circular कहा जाता है तथा एक परिपत्र का एक ही विषय होता है।

इसकी निम्नांकित विशेषताएँ हैं

(1) विषय का पूरी तरह उल्लेख करते हुए इसमें एक परिपत्र में एक ही विषय रहता है । 

(2) इसकी शैली कार्यालयीन पत्रों की तरह होती है । 

(3) भाषा सरल, स्पष्ट और सुबोध होती है।

(4) इसमें सूचना तथा आग्रहपूर्ण निर्देश होते हैं । 

(5) इसका लेखन अन्य पुरुष शैली में होता है। 

(6) सामान्य तौर पर परिपत्र टंकित अथवा साइक्ल टाइल्ड होते हैं, किन्तु विभिन्न कार्यालयों को प्रेषित प्रतियों पर प्रेषक अधिकारी स्वयं हस्ताक्षर करें तो अधिक उपयुक्त है।

(7) यह सदैव अपने अधीनस्थ कार्यालय को भेजा जाता है। परिपत्र में निम्नांकित बातों का उल्लेख होता है - (1) कोई नया निर्णय, 

(2) कोई परिवर्तन की सूचना

(3) कोई विशेष प्रस्ताव

(4) कोई विशेष रियायत या छूट

(5) अन्य विषय से सम्बद्ध सूचना या आदेश |

परिपत्र का नमूना

संख्या - 14/2013-20....

प्रधान कार्यालय 
छ. ग. राज्य शिक्षा 
निदेशालय

रायपुर 
दिनांक 15-8-20....

विषय - अस्थायी शिक्षाकर्मी का स्थायीकरण। 

राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि 31-12-20.... तक जितने शिक्षाकर्मी अस्थायी तौर पर छत्तीसगढ़ के विभिन्न विद्यालयों में कार्यरत थे। उन्हें स्थायी कर दिया जाये । 

अतः सभी विद्यालय के प्रधान पाठक एवं प्राचार्य से यह अपेक्षा की जाती है कि 31.10.20.... तक ऐसे सभी शिक्षाकर्मियों की सूची संलग्न प्रपत्र में निदेशालय के पास प्रेषित कर दें ताकि इस मामले में उपयुक्त कार्यवाही की जा सके।

हस्ताक्षर

.................

निदेशक

प्रति - 1. सभी विद्यालय के प्रधान पाठक एवं प्राचार्य।
2. प्रशासनिक इकाई, निदेशालय।
3. लेखा शाखा।
Related Posts