पूर्ण प्रतियोगिता तथा अपूर्ण प्रतियोगिता में प्रमुख अन्तर निम्नांकित हैं
पूर्ण प्रतियोगिता | अपूर्ण प्रतियोगिता |
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इसमें क्रेताओं-विक्रेताओं की संख्या अधिक होती है। |
इसमें क्रेताओं- विक्रेताओं की संख्या अपेक्षाकृत कम होती है। |
इसमें एक समान वस्तु का उत्पादन किया जाता है। | इसमें विभिन्न प्रकार की वस्तुओं का उत्पादन किया जाता है। |
इसमें फर्मों को उद्योग में प्रवेश एवं बहिर्गमन करने की स्वतंत्रता होती है। | इसमें फर्मों का प्रवेश एवं बहिर्गमन अपेक्षाकृत कठिन होता है। |
इसमें फर्मों मूल्य निर्धारक न होकर मूल्य स्वीकार करने वाली होती हैं। |
इसमें फर्मों मूल्य को निर्धारित करती हैं। |
इसमें एक फर्म की वस्तु की माँग पूर्णतया लोचदार होती है। | इसमें एक व्यक्तिगत फर्म की वस्तु की माँग अत्यधिक लोचदार होती है। |
इसमें क्रेताओं एवं विक्रेताओं को बाजार की दशाओं का पूर्ण ज्ञान होता है। | इसमें क्रेताओं एवं विक्रेताओं को बाजार की दशाओं का कोई ज्ञान नहीं होता है। |
इसमें उत्पादन के साधन पूर्ण गतिशील होते हैं। | इसमें उत्पत्ति के साधनों की गतिशीलता में अनेक कठिनाइयाँ आती हैं। |
यह बाजार की काल्पनिक स्थिति है। | यह बाजार की व्यावहारिक स्थिति है। |