पूर्ण प्रतियोगिता एवं एकाधिकार में अन्तर
पूर्ण प्रतियोगिता तथा एकाधिकार में प्रमुख अन्तर निम्नांकित हैं -
पूर्ण प्रतियोगिता | एकाधिकार |
---|---|
इसमें अनेक फर्में होती हैं, अतः उद्योग एवं फर्मों में अन्तर होता है। |
इसमें केवल एक ही फर्म होती है, अतः उद्योग एवं फर्म में कोई अन्तर नहीं होता है। |
इसमें एक फर्म का उद्योग की पूर्ति पर कोई नियंत्रण नहीं होता है। | इसमें एकाधिकारी का पूर्ति पर पूर्ण नियंत्रण होता है। |
इसमें फर्मों को उद्योग में प्रवेश करने अथवा उद्योग को छोड़ने की पूरी स्वतंत्रता होती है। | इसमें उद्योग में नई फर्मों प्रवेश ही नहीं कर सकतीं।अतः फर्मों के प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध होता है। |
इसमें समरूप वस्तुओं का उत्पादन होने के कारण पूर्ण स्थानापन्न वस्तुएँ बाजार में उपलब्ध रहती हैं। | इसमें एकाधिकारी के वस्तु की कोई निकट स्थानापन्न वस्तु बाजार में नहीं होती है। |
इसमें फर्में मूल्य-निर्धारक न होकर मूल्य स्वीकार करने वाली होती हैं। | इसमें एकाधिकारी वस्तु का मूल्य निर्धारक होता है, न कि मूल्य स्वीकार करने वाला। |
इसमें वस्तु का एक मूल्य होता है। | इसमें वस्तु का कीमत - विभेद संभव होता है। |