संदर्भ पत्र से आप क्या समझते हैं - sandarbh patr se aap kya samajhate hain

वे पत्र जो ग्राहक की स्थिति तथा साख का पता लगाने के उद्देश्य से लिखे जाते हैं संदर्भ - पत्र कहलाते हैं ।

जब किसी विक्रेता के पास किसी नये ग्राहक से आदेश पत्र आये तो माल उधार या नक़द किसी भी रूप से भेजा जा सकता है। जब माल नकद भेजा जाता है तो विक्रेता को किसी प्रकार की क्षति की सम्भावना नहीं रहती। 

किन्तु जब ग्राहक उधार माल खरीदना चाहता है तो विक्रेता माल भेजने के पूर्व यह आश्वस्त हो जाना चाहता है कि क्रेता माल का भुगतान समय पर कर पायेगा कि नहीं, इस उद्देश्य को दृष्टि में रखकर विक्रेता क्रेता से ऐसी संस्था या फर्म का संदर्भ-पत्र माँगता है।  

जिनसे उसके बारे में पूछताछ किया जा सके। सन्तोषजनक उत्तर मिलने पर विक्रेता माल भेज देता है अन्यथा माल भेजने में असमर्थता प्रकट की जा सकती है।

संदर्भ-पत्र का नमूना 

राधा एण्ड कम्पनी

सर्वश्री कृष्ण एण्ड कम्पनी गाँधी रोड पुणे

लोहिया नगर, 
कोलकाता
दिनांक – 5-07-20....

प्रिय महोदय,

आपके पत्र दिनांक 4-05-20.... के लिये धन्यवाद । आपकी इच्छानुसार हम आगे दो पुस्तक विक्रेताओं के नाम हवाले के लिए दे रहे हैं। इनसे हमारा व्यापारिक सम्बन्ध बहुत दिनों से रहा है। आप इनसे हमारे बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं

(1) राजेन्द्र बुक डिपो, खजांची रोड, कोलकाता। 

(2) मेसर्स - लखपति सिंह एण्ड कम्पनी, जवाहर नगर, कानपुर।

                                                                                                                                    भवदीय 
                                                                                                                                 राधा एण्ड कम्पनी
                                                                                                                                    श्याम किशोर मैनेजेर 

भवदीय राधा एण्ड कम्पनी (श्याम किशोर) मैनेजर

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