विकारी व अविकारी शब्द -vikari aur avikari shabd ko spasht kijiye

 विकारी व अविकारी शब्दों के आशय स्पष्ट करते हुए उसके भेदों को बताइए।

विकारी शब्द - जिन शब्दों के रूप वाक्यों के अर्थानुसार बदलते रहते हैं, उन्हें विकारी शब्द कहते हैं।

 जैसे—(क) लड़की ने फल तोड़ा। 

(ख) लड़कियों ने फल तोड़े। 

दोनों वाक्यों में लड़की, तोड़ा, लड़कियों, तोड़े इन शब्दों के रूपों में अंतर है। ऐसे शब्द ही विकारी शब्द कहलाते हैं। संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया के लिए प्रयुक्त शब्दों में विकार उत्पन्न होता है।

अविकारी शब्द - जिन शब्दों का अर्थ वाक्यों में किसी भी दशा में न बदले, उन शब्द को अविकारी शब्द कहते हैं। जैसे—

(क) मैं अभी जाऊँगा। 

(ख) तुम अभी जाओगे। 

(ग) वे अभी नहीं जायेंगे। 

उपर्युक्त तीनों वाक्यों में अभी शब्द का रूप परिवर्तन नहीं हुआ है। अविकारी शब्दों का रूप किसी भी लिंग, वचन, पुरुष के साथ एक जैसा ही रहता है। क्रिया विशेषण, संबंध बोधक एवं समुच्चय बोधक अथवा योजक एवं विस्मयादि बोधक शब्दों को अविकारी शब्दों के अन्तर्गत माना जाता है।


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