व्यष्टि अर्थशास्त्र का महत्व

 व्यष्टि अर्थशास्त्र का महत्व

व्यष्टि अर्थशास्त्र की उपयोगिता निम्नलिखित है

1. सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था के लिए आवश्यक - यदि हम सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था के स्वरूप की जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो हमें व्यक्तिगत इकाइयों की जानकारी हासिल करना आवश्यक है। 

क्योंकि व्यक्तिगत माँग के संयोग से ही सामूहिक माँग एवं सामूहिक पूर्ति का रूप सामने आता है। जैसे - यदि हमें यह ज्ञात करना है कि देश की अर्थव्यवस्था में सूती वस्त्र उद्योग की क्या स्थिति है। 

तो इसके लिए हमें सर्वप्रथम सूती वस्त्र उद्योग की फर्मों की जानकारी हासिल करनी होगी तभी हम सूती वस्त्र उद्योग की सही स्थिति की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। इस प्रकार व्यष्टि अर्थशास्त्र की सहायता से सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था की समस्याओं का अध्ययन किया जाता है।

2. आर्थिक समस्याओं के निर्णय में सहायक – व्यष्टि अर्थशास्त्र आर्थिक समस्याओं के निर्णय में सहायक होता है । आर्थिक समस्याओं मूल्य का निर्धारण एवं वितरण की समस्या प्रमुख होती है। 

उत्पत्ति का प्रत्येक साधन अधिकाधिक पारिश्रमिक प्राप्त करना चाहता है। इन समस्त समस्याओं के निर्णय के लिए व्यष्टि अर्थशास्त्र उपयोगी रहा है। व्यष्टि अर्थशास्त्र में माँग एवं पूर्ति के नियमों, सिद्धान्तों का प्रयोग होता है। 

अतः यह नियम हमें बताता है कि माँग एवं पूर्ति की सापेक्षिक शक्तियों के कारण कीमत का निर्धारण होता है। अतः व्यष्टि अर्थशास्त्र हमें साम्य की भी जानकारी देता है। 

3. आर्थिक नीति के निर्धारण में सहायक- व्यष्टि अर्थशास्त्र के अंतर्गत सरकार की आर्थिक नीतियों का अध्ययन इस आधार पर किया जाता है कि उनका व्यक्तिगत इकाइयों के कार्यकरण पर कैसा प्रभाव पड़ता है। 

जैसे- हम इस बात का अध्ययन कर सकते हैं कि सरकार की नीतियों का विशिष्ट वस्तुओं की कीमतों और मजदूरी पर क्या प्रभाव पड़ता है तथा सरकार की नीतियाँ साधनों के वितरण को किस प्रकार प्रभावित करती हैं।

4. आर्थिक कल्याण की शर्तों का निरीक्षण – व्यष्टि अर्थशास्त्र में जहाँ व्यक्तिगत उपभोग, व्यक्तिगत रहनसहन के स्तर आदि की जानकारी प्राप्त की जाती है, वहीं सार्वजनिक व्यय एवं सार्वजनिक आय के प्रभावों की भी जानकारी प्राप्त की जा सकती है। 

यदि समाज को करारोपण की तुलना में सार्वजनिक व्यय से अधिक लाभ प्राप्त होता है। तो यह कहा जाएगा कि समाज के आर्थिक कल्याण में वृद्धि होगी। यदि सार्वजनिक आय-व्यय के प्रभाव से लोगों के रहन-सहन के स्तर में कमी आती है। तो आर्थिक कल्याण घटेगा।

5. व्यक्तिगत इकाइयों के आर्थिक निर्णय में सहायक – व्यष्टि अर्थशास्त्र व्यक्तिगत इकाइयों की समस्याओं पर उचित निर्णय लेने में सहायता प्रदान करता है। 

जैसे - प्रत्येक उपभोक्ता यह चाहता है कि वह अपने सीमित साधनों से अधिकतम संतुष्टि प्राप्त करे तथा इसी प्रकार प्रत्येक उत्पादक भी यही चाहता है कि वह कम से कम उत्पादन लागत पर अधिकतम उत्पादन प्राप्त करे। 

आधुनिक समय में प्रत्येक फर्म माँग लागत विश्लेषण और 'रेखीय प्रोग्रामिंग’ का उपयोग करके अधिकतम लाभ प्राप्त करने का प्रयत्न करती है। इन सब बातों का अध्ययन व्यष्टि अर्थशास्त्र में किया जाता है।

6. व्यक्तिगत इकाइयों की समस्याओं के समाधान में उपयोगी–व्यष्टि अर्थशास्त्र व्यक्तिगत इकाइयों की समस्याओं के समाधान में भी उपयोगी है। जहाँ एक ओर व्यष्टि अर्थशास्त्र व्यक्तिगत इकाइयों की समस्याओं का अध्ययन करता है। वहीं दूसरी ओर इन इकाइयों की समस्याओं का समाधान भी करता है। 



1

Related Posts