गहन कृषि क्या है - what is intensive agriculture

जनसंख्या की वृद्धि तथा कृषि योग्य भूमि की सीमित उपलब्धता के कारण खाद्यान्न उत्पादन को बढ़ाने हेतु अनेक विधियाँ अपनायी जा रही हैं। गहन कृषि उनमें से एक है। इसके अन्तर्गत एक कृषि वर्ष में ही उपलब्ध भूमि पर सभी मौसम की फसलें ली जाती हैं। जैसे- एक कृषक के पास 10 हेक्टेयर कृषि भूमि है।

गहन कृषि क्या है

जिस पर खरीफ मौसम में पूरे 10 हेक्टेयर भूमि पर फसल लेता है तथा रबी के मौसम में पुन: 6 हेक्टेयर भूमि पर फसल लेता है, इस प्रकार वह 10 + 6 = 16 हेक्टेयर भूमि पर फसल प्राप्त करता है, जबकि उसके पास वास्तविक कृषि भूमि 10 हेक्टेयर ही थी। इसे ही गहन कृषि या शस्य गहनता कहते हैं।

शस्य गहनता सूचक  - कृषक ने अपनी 10 हेक्टेयर भूमि में केवल खरीफ फसल ही (बोयी) होती, तो शस्य गहनता सूचकांक 100 प्रतिशत होता । परन्तु उपर्युक्त उदारहण से शस्य गहनता सूचकांक 160 प्रतिशत होगा, क्योंकि उसने 10 हेक्टेयर में खरीफ एवं 6 हेक्टेयर में रबी फसल ली। 

इस प्रकार उसने 10 + 6 16 हेक्टेयर भूमि का उपयोग कृषि उत्पादन में किया । अतः शस्य गहनता सूचकांक भूमि उपयोग को प्रदर्शित करता है तथा भूमि की प्रति इकाई उत्पादकता को भी इंगित करता है। 

शस्य गहनता के लिए जल की उपलब्धता अनिवार्य है। चाहे वह वर्षा द्वारा उपलब्ध हो या सिंचाई द्वारा। यदि जल उपलब्ध नहीं है तो शस्य गहन फसल लिया जाना सम्भव नहीं है। इसी कारण सम्पूर्ण देश का शस्य गहनता सूचक मात्र 130% ही है, जबकि जहाँ जल की उपलब्धता है, वहाँ अपवाद को छोड़कर इसका प्रतिशत अधिक है। 

जैसे—सन् 1989-90 के अनुसार पंजाब में 176% एवं हरियाणा में 167% दर्ज किया गया था। शस्य गहनता का जल की उपलब्धता से घनिष्ठ सम्बन्ध है। 

शस्य गहनता पर उर्वरकों, उन्नत बीजों, यंत्रों, कीटनाशकों व नवीन तकनीकों का भी प्रभाव पड़ता है। शस्य गहनता सूचकांक पंजाब में सर्वाधिक है, जबकि आन्ध्रप्रदेश - असम में मात्र 117% तथा गुजरात में 110% है। 

सन् 1989-90 में पंजाब में उर्वरक का प्रयोग 168-4 किग्रा. प्रति हेक्टेयर है, जबकि गुजरात में यह केवल 75 किग्रा. प्रति हेक्टेयर है। इसी प्रकार ट्रैक्टरों का प्रयोग पंजाब में प्रति हजार हेक्टेयर पर 147 है, जबकि गुजरात में मात्र 26 है। 

पंजाब में पम्पसेटों की संख्या प्रति हजार हेक्टेयर पर 92 है, जबकि गुजरात में केवल 52 है। पंजाब का 94 प्रतिशत भाग सिंचित है, जबकि गुजरात का केवल 28 प्रतिशत भाग ही सिंचित है। 

पंजाब में गुजरात की अपेक्षा प्रति इकाई क्षेत्र पर निवेश उपयोग की तीव्रता बहुत अधिक है इसलिए पंजाब में शस्य गहनता सूचकांक गुजरात की तुलना में ऊँचा है ।

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