भारत के औद्योगिक विकास की विवेचना कीजिए?

भारत के औद्योगिक विकास में लघु एवं कुटीर उद्योगों का महत्वपूर्ण योगदान है। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद सरकार ने योजनावधि में इनके विकास के लिए अनेक प्रयास किये हैं। 1950 में लघु औद्योगिक इकाइयों की संख्या केवल 16,000 थी, जो कि बढ़कर 2005-06 में 123.42 लाख हो गयीं, जिनमें पंजीकृत इकाइयाँ 18.71 लाख थीं। 

इन इकाइयों में 294.91 लाख व्यक्तियों को रोजगार मिला हुआ है । 2005-06 में इन इकाइयों द्वारा 4,76, 201 करोड़ रु. के मूल्य का (चालू कीमतों) उत्पादन किया गया तथा वर्ष 2004-05 में 1,24,417 करोड़ रु. मूल्य का निर्यात किया गया। कुटीर उद्योग द्वारा 1960-61 में 47.4 करोड़ रुपये मूल्य का उत्पादन हुआ था, जो बढ़कर, 4,026 करोड़ रुपये हो गया है। 

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