कीमत निर्धारण की नीति क्या है?

कीमत निर्धारण की नीति क्या है

कीमतों में वृद्धि रोकने के लिए सरकार की वर्तमान कीमत नीति निम्नांकित हैं -

1. निर्यात पर प्रतिबन्ध – सरकार की नीति उन वस्तुओं को निर्यात करने की नहीं है, जिनको निर्यात करने से आन्तरिक पूर्ति कम होने की सम्भावना है।

2. सरकारी खरीद - मूल्यों के उतार-चढ़ाव को सीमित करने के लिए सरकार द्वारा खरीद की जाती है। आजकल यह खरीद गेहूँ, चावल, रुई, जूट आदि के सम्बन्ध में की जाती है। यह खरीद समर्थित मूल्यों पर की जाती है।

3. समर्थित मूल्य - सरकार ने कुछ कृषि पदार्थों के सम्बन्ध में समर्थित नीति अपना रखी है, जिससे कि यदि मूल्य उन निर्धारित समर्थित मूल्य से कम होते हैं, तो सरकार उन कृषि पदार्थों को क्रय करना आरम्भ कर देती है। इससे मूल्यों में गिरावट नहीं हो पाती है तथा किसान उन वस्तुओं को उत्पादित करने के लिए प्रोत्साहित होता रहता है। आजकल चना, जौ, ज्वार, बाजरा, मक्का, अरहर, मूँग, कपास व जूट आदि के लिए समर्थित मूल्य नीति अपनायी जा रही है।

4. आयात में छूट - जिन वस्तुओं की पूर्ति देश में कम है जिनके कारण उन वस्तुओं के मूल्य बढ़ते हैं, तो इस सम्बन्ध में सरकार की नीति है कि उन वस्तुओं का आयात किया जाये। 

5. उत्पादन बढ़ाने में सहायता - सरकार की नीति है कि प्रत्येक क्षेत्र के उत्पादन को बढ़ाया जाये। इसके लिए सरकार हर सम्भव सहायता देने को तैयार है।

6. उचित सार्वजनिक वितरण - मूल्यों को नियन्त्रित रखने के लिए सरकार की नीति सार्वजनिक वितरण व्यवस्था को उचित एवं सुदृढ़ बनाने के लिए वर्तमान में खाद्यान्नों के उचित वितरण हेतु 4 लाख से अधिक दुकानें कार्य कर रही हैंइन दुकानों की संख्या और बढ़ायी जा सकती है।

7. चीनी के सम्बन्ध में नीति - चीनी पर आंशिक नियन्त्रण लागू है जिसके अनुसार सरकार कुल चीनी उत्पादन का 45 प्रतिशत उत्पादन रियायती दर पर बेचने के लिए मिलों से लेती है जिसे उचित मूल्यों की दुकानों के माध्यम से राशन कार्ड धारकों को बेचा जाता है। इससे मूल्य वृद्धि पर अंकुश लगता है।

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