मुद्रास्फीति को रोकने के उपाय

मुद्रास्फीति को रोकने के उपाय

भारत में कीमत वृद्धि को रोकने के लिए निम्नांकित उपाय किये जाने चाहिए - 

1. मौद्रिक नीति - मौद्रिक नीति से तात्पर्य, उन नियमों व व्यावहारिक क्रियाओं से है जो मुद्रा के परिमाणात्मक एवं गुणात्मक पहलुओं का नियन्त्रण करती हैं। भारत जैसे विकासशील देश में मौद्रिक नीति का उद्देश्य विकास कार्यों के लिए साख की पूर्ति करना तथा अनुत्पादक एवं सट्टे के कार्यों के लिए मुद्रा के प्रयोग पर रोक लगाना है। 

इस नीति को नियन्त्रित मौद्रिक-प्रसार की नीति कहते हैं। भारत ने इस नीति को अपनाया है, लेकिन यह नीति अधिक उपयोगी सिद्ध नहीं हुई है। अतः इस बात का सुझाव दिया जाता है कि मौद्रिक नीति में आवश्यक परिवर्तन किया जाये और इसको प्रभावी बनाया जाये। यद्यपि अकेली मौद्रिक नीति मूल्य नियन्त्रण में अधिक प्रभावी नहीं हो सकती है। 

2. राजकोषीय नीति - राजकोषीय नीति, मौद्रिक नीति की सहायक नीति है। वर्तमान में भारत की राजकोषीय नीति का उद्देश्य आर्थिक विकास के लिए साधनों को एकत्रित करना आवश्यक उपभोग व उत्पादन को रोकना, आर्थिक उत्पादन को बढ़ावा देना व वितरण व्यवस्था में न्याय प्रदान करना है।

अतः इस बात की आवश्यकता है कि इन सभी उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए प्रभावशील उपाय किए जाने चाहिए। उपभोग की वस्तुओं पर से कर कम कर दिए जायें, जिससे कि वे सस्ती हो सकें और जन-साधारण राहत महसूस कर सके। वहीं विलासिता वाली वस्तुओं पर करों की मात्रा की दर बढ़ाई जा सकती है। बचतों में वृद्धि करने के लिए अनिवार्यता का सहारा लिया जा सकता है। करों की चोरी रोकी जानी चाहिए तथा कर ढाँचा न्यायपूर्ण बनाया जाना चाहिए।

3. व्यापारिक नीति - आजादी के बाद देश के आयात-निर्यातों की यह विशेषता रही है कि यहाँ सदा ही निर्यात आयात से कम रहे हैं, जिससे विदेशी विनिमय का भार बढ़ता जा रहा है तथा इससे भुगतान सन्तुलन की समस्या गम्भीर बनी हुई है। 

हालाँकि भुगतान सन्तुलन समस्या के समाधान के लिए निर्यात संवर्द्धन व आयात प्रतिस्थापन की नीति अपनायी जा रही है, किन्तु फिर भी इस समस्या का कोई हल निकलकर नहीं आया है। अतः इस बात की आवश्यकता है कि देश के लिए विवेकपूर्ण नीति अपनायी जानी चाहिए, जिससे कि निर्यात बढ़ सके व आयात प्रतिबन्धित हो सकें।

4. जनसंख्या नीति - यदि जनसंख्या वृद्धि पर प्रभावकारी ढंग से कोई रोक न लगाई गई तो उत्पादन बढ़ाने, उपभोग को नियन्त्रित करने व वितरण को न्यायोचित बनाने के सभी प्रयास असफल हो जायेंगे। अतः जनसंख्या वृद्धि को रोका जाना चाहिए। इसके लिए जन्म दर में कमी होना आवश्यक है।

5. मूल्य नीति - मूल्य नीति से तात्पर्य, सरकार द्वारा मूल्यों के निर्धारण की नीति से है। सरकार कई वस्तुओं के मूल्य निर्धारित करती है। जब सरकार ऐसी - वस्तुओं के मूल्य बढ़ा देती है तो इसका प्रभाव बाजार की अन्य वस्तुओं पर पड़ता है और अन्य वस्तुओं के मूल्य भी बढ़ जाते हैं। सरकार को चाहिए कि वह ऐसी मूल्य नीति तय करे, जो स्थायी हो और उसमें बार-बार परिवर्तन न करना पड़े।

6. उत्पादन नीति - मूल्य वृद्धि को रोकने के लिए उत्पादन नीति ऐसी होनी चाहिए कि कृषि व औद्योगिक क्षेत्र दोनों में उत्पादन वृद्धि हो सके और उत्पादकता बढ़ सके। कृषि क्षेत्र में उत्पादन व उत्पादकता बढ़ाने के लिए संस्थागत सुधार व तकनीकी सुधार अभी और किये जाने चाहिए। यद्यपि इस सम्बन्ध में हरित क्रान्ति से कुछ परिवर्तन तो आया है, लेकिन अभी भी यह सीमित मात्रा में ही हो रहे हैं। इनमें गति आनी चाहिए।

औद्योगिक उत्पादन को बढ़ाने के लिए पर्याप्त कच्चा माल, कोयला तथा शक्ति उपलब्ध करायी जानी चाहिए। आधारभूत सुविधाओं का विकास किया जाना चाहिए तथा औद्योगिक शान्ति रहनी चाहिए। ऐसे उद्योगों को स्थापित किया जाना चाहिए, जो उत्पादन जल्दी से कर सकें और अधिक व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध करा सकें। 

7. काले धन पर रोक - मूल्य वृद्धि का एक महत्वपूर्ण कारण काले धन का उपयोग है। इसके लिए सुझाव दिया जाता है कि इसे निकालने के लिए यथोचित कदम उठाये जाने चाहिए।

8. वितरण नीति - मूल्य वृद्धि को रोकने का एक कारगर कदम न्यायोचित वितरण नीति है। इस नीति के अन्तर्गत भारत में उचित मूल्य की 4 लाख से अधिक दुकानें हैं, जो आवश्यक खाद्य पदार्थ व अन्य पदार्थ बेचती हैं, लेकिन यह प्रणाली नौकरशाही द्वारा एक प्रकार से प्रभावहीन हो गई है। 

इन दुकानों पर पूरे महीने के वितरण के लिए सामग्री नहीं होती है। अतः इस बात की आवश्यकता है कि राष्ट्रीय स्तर पर इसको प्रभावकारी बनाया जाये। इन दुकानों को पूरी मात्रा में वस्तुएँ उपलब्ध करायी जायें और ये दुकानें उसी प्रकार खुलें, जैसे निजी व्यापारी की दुकानें खुलती हैं।

9. जमाखोरी, मुनाफाखोरी व काले बाजार पर रोक - यद्यपि सरकार ने इस ओर काफी प्रयास किए हैं कि जमाखोरी रुके, मुनाफाखोरी कम हो, काले बाजार पर रोक लगे, लेकिन इसमें अधिक सफलता नहीं मिली है। इसके लिए सरकार को प्रभावी कदम उठाने चाहिए। ईमानदार सरकारी कर्मचारियों को इनाम दिया जाना चाहिए । इस सम्बन्ध में मुकदमों का शीघ्र निपटारा होना चाहिए।

10. राष्ट्रीय मजदूरी नीति - मूल्य वृद्धि रोकने के लिए श्रमिकों का सहयोग लेना आवश्यक है । हड़तालें व तालाबन्दी रुकनी चाहिए। राष्ट्रीय मजदूरी नीति लागू की जानी चाहिए, जिसमें मजदूरी का सम्बन्ध उत्पादकता से हो।

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