भारत में मानसून परिवर्तनशीलता बढ़ी है और भूजल तालिका तेजी से घट रही है। बुंदेलखंड, विदर्भ और मराठवाड़ा जैसे कई प्रायद्वीपीय क्षेत्र बार-बार सूखे जैसी स्थिति का सामना कर रहे हैं। देश में व्याप्त भीषण सूखे 250 से अधिक जिलों में संकट पैदा कर दिया है। तालाब और बांध का निर्माण जल का संरक्षण किया जा सकता हैं।
तालाब किसे कहते हैं
तालाब एक झील से छोटा पानी का क्षेत्र होता है। तालाब में कई जलीय जीव निवास करते हैं। बत्तख, कछुए, हंस, छोटी मछलियाँ और मेंढक एक तालाब में रहते हैं। ज्यादातर तालाबों में धूप नीचे तक पहुंच जाती है। क्योकि अधिकतर तालाब ज्यादा गहरे नहीं होते हैं। कुछ तालाब में पूरे साल पानी नहीं होती हैं। इस प्रकार के तालाब को वर्नल तालाब या अल्पकालिक, मौसमी या अस्थायी तालाब कहा जाता है। इस प्रकार के तालाबों में मछली नहीं होती है। कुछ तालाब अब इंसानों की वजह से प्रदूषित हो रहे हैं।
तालाब के फायदे
- यह जल नियंत्रण को बढ़ाने में मदद करता है।
- यह कृषि में योगदान देता है और कृषि आय को बढ़ावा देता है।
- यह बरसात के दिनों में पानी एकत्र करता है।
- संचित जल का उपयोग फसलों की पूरक सिंचाई के लिए किया जा सकता है।
- यह सूखे की स्थिति में मवेशियों के लिए पीने के पानी के रूप में उपयोगी है।
- यह मिट्टी और नमी का संरक्षण करता है।
- तालाब में मछली पालन कर आय को बढ़ाया जा सकता हैं।