हमारा देश भारत विश्व के सबसे बड़े महाद्वीप एशिया के दक्षिण भाग में स्थित है। यह एशिया ही नहीं बल्कि विश्व के महान एवं प्राचीनतम राष्ट्रों में एक है। भारत की संस्कृति विश्व की प्रसिद्ध प्राचीनतम संस्कृतियों में से एक है।
प्राचीन काल में एक प्रसिद्ध महाप्रतापी राजा भारत के नाम पर हमारे देश का नाम भारतवर्ष पड़ा इसे सिन्धु नदी के पास स्थित होने के कारण हिन्दुस्तान भी कहा गया था। ब्रिटिश काल में अंग्रेजों द्वारा सिन्धु नदी को इण्डस कहने के कारण इसका नाम इंडिया भी हो गया।
भारत की भौगोलिक स्थिति का वर्णन कीजिए
भारत पूर्णतया उत्तरी गोलार्द्ध में आता है। इसका क्षेत्रफल भौगोलिक रूप से 32,87,263 वर्ग कि.मी. है। जो उत्तर में हिमालय से लेकर दक्षिण में कन्याकुमारी तक और पूर्व में अरुणाचलप्रदेश से लेकर पश्चिम में गुजरात तक फैला हुआ है। क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत विश्व का सातवाँ तथा एशिया का चौथा बड़ा राष्ट्र है। देश का क्षेत्रफल विश्व के कुल क्षेत्रफल का 2.4 प्रतिशत है।
उत्तर से दक्षिण तक इसका विस्तार 3,214 किमी है और पूर्व से पश्चिम तक 2,933 किमी है। भारत की स्थलीय सीमा 15,200 किमी तथा सागरीय तट की लंबाई 7,517 किमी है। भारत के मध्य से कर्क रेखा गुजरती है। भारत के दक्षिण में अण्डमान व निकोबार द्वीप समूह है। जिसे भारत का इंदिरा पाइन्ट कहते हैं।
2023 के अनुशार जनसंख्या की दृष्टि से भारत विश्व पहला देश है। देश की कुल आबादी 142 करोड़ हैं। सन् 2001 की जनगणना के अनुसार भारत की जनसंख्या घनत्व 324 व्यक्ति प्रतिवर्ग किमी था। जो बढ़कर 382 हो गया हैं।
भौगोलिक महत्व
भारत उत्तरी पूर्वी गोलार्द्ध में स्थित है। भारत के दक्षिण में हिन्द महासागर है। जहाँ से अनेक समुद्री मार्ग तट से होकर गुजरते हैं। जिससे भारत का अंतर्राष्ट्रीय महत्व बढ़ गया है। स्वेज नहर बनने से भारत तथा यूरोप के मध्य लगभग 4,800 कि.मी. की दूरी कम हो गई है। समुद्री मार्गों के अतिरिक्त भारत अंतर्राष्ट्रीय वायु मार्गों का भी केन्द्र है।
भारत के समीपवर्ती देशों में पश्चिम एशिया, अफ्रीका तथा दक्षिणी पूर्वी एशिया के कई देश है। जिन्हें तैयार माल के निर्यात की सुविधा है। उत्तर में स्थित हिमालय पर्वतमाला शीतकाल में निकटवर्ती स्थानों की बर्फीली व ठंडी हवाओं से रक्षा करती है एवं वर्षा ऋतु में मानसून पवनों को रोककर वर्षा कराती है।
भारत में पृथ्वी का प्राचीनतम भूखंड गोंडवाना लैंड से लेकर नवीनतम भू-भाग हिमालय पर्वत तथा गंगा और ब्रम्हपुत्र का मैदान शामिल हैं। इसके पूर्वी एवं पश्चिमी तट पर लक्षद्वीप और अण्डमान निकोबार द्वीप समूह है। देश के कुल क्षेत्रफल का 10.7 प्रतिशत पर्वत 12.6 प्रतिशत पर पहाड़ 27. 7 प्रतिशत पर पठार और 43 प्रतिशत मैदान स्थित है।
भारत के धरातलीय स्वरुप को अध्ययन के दृष्टिकोण से चार भागों में विभक्त किया जा सकता हैं -
- पर्वत श्रृंखलाएँ
- उत्तरी भारत का मैदान
- प्रायद्वीप पठार
- समुद्र तटीय मैदान
पर्वत श्रृंखलाएँ - भारत के उत्तर पश्चिम से पूर्व तक धनुषाकृति में हिमालय पर्वतमाला 2400 किमी. लंबाई में फैली है। यह पर्वतमाला पश्चिम में ब्लूचिस्तान से लेकर नेपाल व तिब्बत होते हुए पूर्व में बर्मा की अराकानयोमा सिंधु नदी मोड़ से ब्रम्हापुत्र नदी मोड़ तक फैला हुआ है।
इसके उत्तर में तिब्बत का पठार एवं दक्षिण में उत्तरी भारत का विशाल मैदान है जिसकी चौड़ाई 150 किं.मी. से 400 कि.मी. एवं औसत ऊँचाई 600 मीटर है।
हिमालय संसार का सर्वोच्च पर्वत है इन पर्वतों की विभिन्न श्रेणियाँ समानान्तर रूप से चली गई हैं। इनके मध्य अनेक पठार तथा घाटियाँ हैं इन पर्वत श्रेणियों का ढाल भारत की ओर तीव्र तथा तिब्बत की ओर मंद है।
भूगर्भिक संरचना की दृष्टि से हिमालय एक नवीन युवा एवं वलित पर्वत है इसकी उत्पत्ति टेथिस सागर में करोड़ों वर्षों तक निक्षेपित तलछट अर्थात कोमल चट्टानों के धीरे-धीरे ऊँचे उठने से हुई है।
हिमालय पर्वत श्रेणियाँ उत्तर-पश्चिम से उत्तर-पूर्व की ओर एक दूसरे के समानान्तर फैली हुई है। भौगोलिक दृष्टि से इन्हें चार भागों में विभाजित कर सकते हैं।
भारत के पड़ोसी देश
एशिया महाद्वीप में स्थित भारत की विशिष्ट संस्कृति और परंपरा रही है। भारत की सिमा सात देशो से लगती हैं - उत्तर में अफगानिस्तान, उत्तर-पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर एवं उत्तर-पूर्व में तिब्बत, नेपाल तथा भूटान, पूर्व में बांग्लादेश एवं म्यांमार हैं। भारत एवं चीन के मध्य सीमा रेखा को मैकमोहन रेखा कहते हैं।
समुद्र पार हमारा निकटतम पड़ोसी देश श्रीलंका है। तमिलनाडु तट से इसकी दूरी मात्र 32 कि.मी. है। अण्डमान निकोबार द्वीप समूह के दक्षिण में दूसरा निकटतम पड़ोसी देश इण्डोनेशिया है। अन्य पड़ोसी देशों में मलेशिया, थाइलैण्ड, कम्बोडिया वियतनाम तथा लाओस हैं। पश्चिम की ओर ईरान, ईराक, सउदी अरब, ओमान और यमन स्थित है।