छत्तीसगढ़ राज्य की नदियाँ

छत्तीसगढ़ की जीवनदायनी नदियाँ इसके वैभव और संस्कृति की प्रतीक है। इसकी प्रमुख नदियाँ निम्नलिखित है।

1 महानदी - यह प्रदेश की जीवन रेखा है, महानदी सिहावा पर्वत से 420 मीटर की ऊँचाई से निकलकर दक्षिण पूर्व की ओर ओडीशा के पास से बहती है। इसकी कुल लंबाई 858 किमी है इस पर दुधावा, माड़मसिल्ली, गंगरेल, सिकासेर व सोंदूर बाँध बने है। ओडीशा में विशाल हीराकुंड बाँध इसी पर बना है। राजिम, सिरपुर व शिवरीनारायण जैसे प्रमुख धार्मिक स्थल इसके तट पर स्थित हैं।

2. शिवनाथ नदी- यह छत्तीसगढ़ की दूसरी महत्वपूर्ण नदी है, इसका उद्गम राजनांदगाँव में अम्बागढ़ तहसील के 625 मीटर ऊँची पानाबरस पहाड़ी से हुआ है, इसकी कुल लंबाई 280 किमी. है, इसकी मुख्य सहायक नदियाँ लीलागर, मनियारी, आगर, हाँप, सुरही, श्वासन और अरपा है।

3. मनियारी नदी - यह बिलासपुर के उत्तर-पश्चिम में लोरमी पठार से निकलती है, इसका उद्गम स्थल भूखंड पहाड़ बेलपान के कुंड तथा लोरमी का पहाड़ी क्षेत्र है, इसकी कुल लंबाई 134 किमी है। 

यह दक्षिणी–पूर्वी भाग बिलासपुर व मुंगेली की सीमा बनाती हुई बहती है। इस पर खारंग जलाशय का निर्माण किया गया है। आगर, छोटी नर्मदा व घोंघा इसकी सहायक नदियाँ है।

4. लीलागर नदी - इस नदी का उद्गम कोरबा की पूर्वी पहाड़ी से हुआ है यह कोरबा क्षेत्र से निकलकर दक्षिण में बिलासपुर और जाँजगीर की सीमा बनाती हुई शिवनाथ नदी में मिल जाती है। इसकी कुल लंबाई 135 किमी और प्रवाह क्षेत्र 2.333 वर्ग किमी है।

5. खारून नदी - यह महानदी की सहायक नदी है, यह बालोद जिले के संजारी क्षेत्र से निकलकर शिवनाथ में मिलती है । इस नदी की लंबाई 208 किमी तथा प्रवाह क्षेत्र 22.680 वर्ग किमी है। 

6. हसदो नदी - यह महानदी की प्रमुख सहायक नदी है एवं कोरबा के कोयला क्षेत्र में तथा चाँपा मैदान में प्रवाहित होने वाली प्रमुख नदी है। यह सरगुजा जिले के कैमूर पहाड़ी से निकलकर कोरबा,बिलासपुर से बहती हुई महानदी में मिल जाती है। इसकी लंबाई 209 किमी और अपवाह क्षेत्र 7.210 वर्ग किमी है।

7. इन्द्रावती नदी– यह गोदावरी की सबसे बड़ी सहायक नदी है, इसकी लंबाई 372 किमी और प्रवाह क्षेत्र 26.620 वर्ग किमी है। इसे बस्तर की जीवनदायिनी नदी माना जाता है, यह बस्तर की सबसे बड़ी नदी है, इसका उद्गम उड़ीसा राज्य के कालाहाण्डी जिले के युआमल नामक स्थान में डोंगरला पहाड़ी से हुआ है, आन्ध्रप्रदेश से होते हुए यह गोदावरी नदी में मिल जाती है। 

इन्द्रावती के तट पर जगदलपुर शहर स्थित है। 8. कोटरी नदी - यह इन्द्रावती नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी है, जिसका उद्गम दुर्ग जिले से हुआ है। इसका प्रवाह क्षेत्र दक्षिण-पश्चिम सीमा पर राजनांदगाँव की उच्च भूमि है।

9. डंकनी - शंखनी नदी - ये दोनों भी इन्द्रावती की सहायक नदियाँ हैं। डंकनी नदी किलेपाल तथा पाकनार की टांगरी-डोंगरी से एवं शंखनी नदी बैलाडीला की पहाड़ी के 4009 फीट ऊँचे नंदीराज शिखर से निकलती है, इन दोनों का संगम दंतेवाडा में होता है।

10. नारंगी नदी - यह चित्रकोट प्रपात के समीप इंद्रावती नदी से मिलती है

11. गुडरा नदी - यह छोटे डोंगर की चट्टानों के मध्य अबूझमाड़ के वनों से प्रवाहित होती है 

12. शबरी नदी - यह बस्तर के दक्षिणी क्षेत्र की प्रमुख नदी है जो दंतेवाडा के पास बैलाडीला पहाड़ी से निकलती है और आन्ध्रप्रदेश के कुनावरम के पास गोदावरी नदी से मिल जाती है। बस्तर में इसका प्रवाह क्षेत्र 180 वर्ग किमी है।

13. बाघ नदी - यह नदी राजनांदगाँव की कुलझारी पहाड़ी से निकलती है जो इस जिले की सीमा को निर्धारित करती है ।

14. अरपा नदी - इस नदी का उद्गम पेंड्रा पठार की खाड़ी की पहाड़ी से हुआ है, यह महानदी की सहायक नदी है, यह बिलासपुर में प्रवाहित होती है और बरतोरी के समीप ठाकुर देवा नामक स्थान में शिवनाथ से मिल जाती है। इसकी लंबाई 147 किमी है।

15. तांदुला नदी - यह कांकेर के भानुप्रतापपुर के उत्तर में स्थित पहाड़ी से निकलती है, यह शिवनाथ की प्रमुख सहायक नदी है जिसकी लंबाई 64 किमी है। बालोद तथा आदमाबाद के पास इस पर तांदुला बाँध बनाया गया है जिससे पूर्वी भाग में नहरों से सिंचाई होती है।

16. मारी नदी - इसके दक्षिण-पश्चिम दिशा में भैरमगढ़ है, इसे मोरला नदी भी कहते हैं। 

17. पैरी नदी - यह महानदी की सहायक नदी है जो गरियाबंद के अप्ररीगढ़ पहाड़ी से निकलकर महानदी में राजिम में आकर मिलती है, इसकी लंबाई 90 किमी है।

18. जोंक नदी- यह रायपुर के पूर्वी क्षेत्र का जल लेकर शिवरीनारायण के ठीक विपरीत दक्षिणी तट पर महानदी से मिलती है, रायपुर जिले में इसकी लंबाई 90 किमी और प्रवाह क्षेत्र 2.480 वर्ग किमी है। 

19. माँड नद्री - यह सरगुजा जिले के मैनपाट के पास से निकलकर रायगढ़, सरगुजा, बस्तर, जाँजगीर जिलों में बहती हुई चंद्रपुर के समीप महानदी में मिल जाती है। रायगढ़ में इसकी लंबाई 174 किमी और प्रवाह क्षेत्र 4.033 वर्ग किमी है।

सिंचाई- छत्तीसगढ़ एक कृषि प्रधान राज्य है जो सिचाई के लिए मुख्यतः वर्षा पर अवलंबित है। यहाँ सिंचाई का सम्यक विकास नहीं हुआ है। नहरों से सर्वाधिक सिंचाई लगभग 70 प्रतिशत होती है। द्वितीय स्थान तालाब व कुँओं का है।

प्रमुख सिंचाई परियोजना

1. हसदेव बाँगों परियोजना - यह बिलासपुर जिले में हसदेव नदी पर बनाया गया है। इससे बिलासपुर, जाँजगीर और रायगढ़ जिले सिंचित होते हैं।

2. पैरी परियोजना- यह गरियाबंद जिले के पैरी नदी पर अवस्थित है।

3. महानदी परियोजना- यह छत्तीसगढ़ की महत्वपूर्ण सिंचाई परियोजना है, इससे धमतरी, रायपुर व दुर्ग जिलों में सिंचाई सुविधा उपलब्ध है।

4. कोडार परियोजना- यह कोडार नदी पर स्थित है जो कि महासमुंद में स्थित है।

5. मनियारी जल परियोजना- यह मुंगेली जिले के लोरमी तहसील में मनियारी नदी पर बना है। इस परियोजना से अधिकतम 48,542 हेक्टेयर सिंचाई संमत है ।

Related Posts