भारतीय संस्कृति की प्रमुख विशेषताएं कौन सी है

भारतीय संस्कृति की अपनी विशिष्ट विशेषताए हैं। इस संस्कृति में विभिन्न विचारधाराओं का मेल है। हमारे देश में विविध संस्कृति है जो ज्ञान, भक्ति और कर्म से समृद्ध है। इस देश में कई धर्मो के लोग एक साथ मिलकर रहते हैं।

भारत ने कभी भी अपनी संस्कृति या धर्म का प्रचार करने के लिए किसी देश पर आक्रमण नहीं करता हैं। यहाँ के लोगो ने सभी प्राणियों के साथ समानता और करुणा का व्यवहार किया हैं। यह पेड़ और पहाड़ को भगवान माना जाता हैं और जीवन दायनी नदियों को माता कहा जाता हैं।

भारतीय संस्कृति की विशेषताएं

प्राचीनता - प्राचीनता भारतीय संस्कृति की यह एक विशेषता है। कई प्राचीन संस्कृति नष्ट हो गयी हैं फिर भी आज भारतीय परंपरा लोगों के बीच मौजूद हैं। हड़प्पा और मोहन जोदड़ो जैसी विकसित सभ्यता इसी क्षेत्र में फैले फुले हैं। जो लगभग 3500 साल पुरानी संस्कृति थी।

विविधता - भारत में विभिन्न रहन-सहन, वेशभूषा व रीति-रिवाज़ों के लोग रहते है। यही भारतीय संस्कृति की विशेषता हैं सभी एक साथ मिल जिल कर रहते हैं। एकता के कारण हम भारत शक्तिशाली हैं लेकिन अपनी विविधता के कारण और शक्तिशाली बन जाते हैं।

निरंतरता - भारतीय संस्कृति हजारों साल से मौजूद है, वहीं कई प्राचीन सभ्यता मिस्र, मेसोपोटामिया, सीरिया और रोम की संस्कृतियाँ नष्ट हो चुकी हैं। प्राचीन समय से ही भारतीय प्रकृति को परमेश्वर का सवरूप मानते हैं। आज भी संस्कृत और तमिल जैसी प्राचीन भाषा बोली और समझी जाती हैं। भारतीय इतिहास में ऐसे कई ग्रन्थ और वेद हैं। जो हमें जीवन जीने की कला सिखाते हैं।

अहिंसा - भारतीय संस्कृति ने हमेसा से अहिंसा का मार्ग चुना हैं। इस देश ने कभी भी किसी देश पर आक्रमण नहीं किया हैं। गौतम बुद्ध ने शान्ति एवं अहिंसा का पाठ पढ़ाया हैं। और भारतीय वेदों में भी कहा गया हैं अहिंसा परमो धर्म:। सम्राट अशोक एक समय के बाद बौद्ध धर्म का पालन कर अहिंसा के मार्ग पर चलने लगे थे।

धर्म की प्रधानता - भारतीय संस्कृति में धर्म की प्रधानता है। भारत विविध धर्म वाला देश हैं। हिन्दू, बौद्ध और जैन धर्मो का विकास हुआ हैं। आज भी अधिकतर लोग किसी न किसी धर्म का पालन करते हैं। प्राचीन भारत में शिक्षा आश्रमों में दिया जाता था। जिसे ऋषि मुनि द्वारा चलाया जाता था। भारतीय संस्कृति में भक्ति को शेष्ट बताया गया हैं।

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