अंग्रेजों ने प्लासी के युद्ध में सिराज-उद-दौला को हराया और कलकत्ता शहर पर कब्जा कर लिया। और इस शहर को 1772 में ब्रिटिश भारत की राजधानी बन गया। बाद में सभी महत्वपूर्ण कार्यालयों को मुर्शिदाबाद से कलकत्ता स्थानांतरित कर दिया गया। 1800 तक कलकत्ता एक फलता-फूलता शहर बन गया था, जो बंगाल की राजनीतिक और आर्थिक जीवन का केंद्र था।
कलकत्ता पूरे भारत में सभी सांस्कृतिक और राजनीतिक आंदोलनों का केंद्र बन गया। भारत में 19वीं सदी के पुनर्जागरण और सुधार की शुरुआत इसी शहर में हुई थी। राजा राममोहन राय, ईश्वर चंद्र विद्यासागर, श्री रामकृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानंद, रवींद्र नाथ टैगोर, जगदीश चंद्र बोस, सत्येंद्र नाथ बोस और कई अन्य प्रतिष्ठित हस्तियों ने कलकत्ता शहर की सांस्कृतिक विरासत को बढ़ाया हैं।
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