सोनखान के जमींदार वीर नारायण सिंह के नेतृत्व में 1857 की क्रांति में आरंभ हुई। 18 जनवरी, 1858 को हनुमान सिंह राजपूत ने सेना में विद्रोह कर अँग्रेज अधिकारी सिडवेल को मार डाला। 17 क्रांतिकारियों को 22 …
देशी रियासतों का एकीकरण 1. देशी रियासतों के एकीकरण में सरदार पटेल का योगदान 1875 के 31 अक्टूबर के दिन गुजरात के एक गाँव में सरदार पटेल का जन्म हुआ था। बाल्यावस्था से ही सरदार पटेल बड़े देशभक्त थे …
द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद विश्व में निम्नलिखित महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए। इनकी पृष्ठभूमि में राष्ट्रीयता की भावना काम कर रही थी। द्वितीय विश्व युद्ध के परिणाम 1. मित्रराष्ट्रों ने स्वाधीनता और लोकतंत्…
सितम्बर 1939 में द्वितीय विश्वयुद्ध आरंभ हुआ जिसका प्रभाव भारत के राष्ट्रीय आंदोलन पर भी पड़ा। ब्रिटिश सरकार ने भारतीय जनता से बिना कोई सहमति लिए भारत के युद्ध में प्रवेश की घोषणा कर दी। युद्ध आरंभ ह…
आंदोलन - नमक कानून भंग करने के बाद एक बार फिर देशव्यापी आंदोलन आरंभ हो गया। इस आंदोलन का कार्यक्रम स्वयं गाँधीजी ने निर्धारित किया था। इसमें स्वतंत्रतापूर्वक नमक बनाना, शराब और विदेशी कपड़ों की द…
छत्तीसगढ़ में अंग्रेजी शासन का आरंभ 1818 ई. में हुआ था। तृतीय आंग्ल-मराठा युद्ध 1818 ई. में मराठों की पराजय हुई और उनकी शक्ति लगभग समाप्त हो गई। इस युद्ध का प्रभाव नागपुर के भोंसले राज्य पर भी पड़ा। …
भारत में अँग्रेजों की सत्ता स्थापना तथा फ्राँसीसियों को पराजित करने के कई कारण थे। जिनमें प्रमुख है- 1. शक्तिशाली नौसेना - अँग्रेजों की नौसना फ्राँसीसियों की तुलना में अत्यधिक शक्तिशाली थी, अतः इनक…
आरंभिक काल (1600-1650 ई.) सर टॉमस रो 1619 ई. में अपने देश वापस लौट गया, इस समय तक सूरत, भड़ौंच, आगरा एवं अहमदाबाद में अंग्रेजों की व्यापारिक कोठिया स्थापित हो चुकी थी। अपनी इस सफलता से उत्साहित होकर क…