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दलित से आप क्या समझते हैं?

आदिकाल से आज तक समाज में मुख्यतः दो वर्ग विशेष रूप से पाए जाते रहे हैं। यहाँ तक कि स्वर्ग लोक में भी दो वर्ग पाए जाते रहे हैं - देवता और दानव। प्रत्येक समाज में भी उच्चता और निम्नता की भावना सदैव व्य…

ग्रामीण और नगरीय समाज में अन्तर - gramin aur nagari samaj mein antar

ग्रामीण एवं नगरीय समाज में अन्तर करना एक कठिन कार्य है। 'गाँव' और 'नगर' के समाज की तुलना करने में सबसे बड़ी कठिनाई यह है कि ऐसी कोई सार्वभौम परिभाषा नहीं है। जिससे गाँव और नगर में स्पष…

अल्पसंख्यकों की समस्याएं - alpsankhyak ki samasya

अल्पसंख्यक समुदायों की समस्याएँ अल्पसंख्यक समुदाय से सम्बन्धित प्रमुख समस्याएँ निम्नलिखित हैं - 1. भाषा से सम्बन्धित समस्याएँ - भारतवर्ष में अंग्रेजों के शासक के रूप में प्रवेश करने के साथ-साथ इस दे…

भारतीय गाँवों की सामाजिक संरचना - bhartiya gaon ki samajik sanrachna

भारत में ग्रामीण अध्ययनों का श्रेय सुप्रसिद्ध समाजशास्त्री प्रो. श्यामाचरण दुबे को दिया जाता है। इनकी पुस्तक 'एक भारतीय ग्राम' एक अमरकृति मानी जाती है। यह कृति हैदराबाद और सिकन्दराबाद के जुड़व…

गाँव क्या है - gaon kya hai

गाँव शब्द सुनने में जितना सरल है। उसे सही अर्थ में परिभाषित करना उतना ही कठिन है। आज जबकि गाँव और शहर का पारस्परिक सम्बन्ध दिन-प्रतिदिन घनिष्ठ होता जा रहा है। गाँव क्या है ?' इसका उत्तर और भी कठि…

भारतीय समाज की शास्त्रीय दृष्टिकोण से व्याख्या कीजिए - Bhartiya samaj

हिन्दू समाज में करीब चार हजार वर्ष पूर्व ही कुछ समाज चिन्तकों ने यह अनुभव किया कि व्यक्ति और समाज की प्रगति उस समय तक सम्भव नहीं है जब तक लोगों को जीवन के मूलभूत तथ्यों से परिचित नहीं कराया जाता। जब …