आदि शंकराचार्य का जन्म कब हुआ था

आदि शंकराचार्य का जन्म 504 ईसा पूर्व में केरल राज्य के कालपी नामक गावं में हुआ था। इनके पिता का नाम शिवगुरु भट्ट और माता का नाम सुभद्रा था। शंकराचार्य का जन्म कई सालो की पूजा के बाद हुआ था। जब ये तीन वर्ष के थे तब इनके पिता का देहांत हो गया।

वे छह वर्ष की उम्र में ही प्रकांड पंडित बन गए थे और आठ वर्ष की अवस्था में इन्होंने संन्यास ग्रहण किया था। शंकराचार्य की जीवनी में उनका वर्णन किसी ऐसे व्यक्ति के रूप में किया गया है जो बचपन से ही संन्यास के प्रति आकर्षित था।

आदि शंकराचार्य ने जातीय और धार्मिक कुरीतियाँ को दूर करने का प्रयास किया और लोगो को धर्म का सही साधना करना सिखया। आदि शंकराचार्य को जन्म से ही धर्म के प्रति लगाव था। संस्कृत के बड़े बड़े श्लोक बचपन से ही उन्हें मुँह जुबानी याद था।

आदि शंकराचार्य ने पुरे भारत का भ्रमण किया। और चार पीठो का स्थापना किया। श्रृंगेरी मठ भारत के दक्षिण में चिकमंगलुुुर में स्थित है। वर्धन मठ भारत के पूर्वी भाग ओडिशा राज्य में स्थित है। शारदा मठ गुजरात में स्थित है। और उत्तरांचल के बद्रीनाथ में ज्योतिर्मठ स्थित है।

आदि शंकराचार्य की मृत्यु 32 वर्ष की आयु में हुई थी। उन्हें अंतिम बार केदारनाथ मंदिर के पीछे उनके शिष्यों ने देखा था। कुछ ग्रंथों में तमिलनाडु या केरल राज्य में उनकी मृत्यु ऐसा बताया जाता हैं।

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