बौद्ध धर्म के प्रथम तीर्थंकर ऋषभनाथ थे। जिन्हें समाज में सामंजस्यपूर्ण रूप से रहने के लिए मनुष्यों को तैयार करने और व्यवस्थित करने का श्रेय दिया जाता है।
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