संस्कृत भाषा की उत्पत्ति कहां से हुई

संस्कृत भाषा की उत्पत्ति - संस्कृत एक शास्त्रीय भाषा है। इसकी उत्त्पत्ति भारत में हुआ था। संस्कृत हिंदू धर्म की पवित्र भाषा हैं क्योकि संस्कृत में ही कई प्राचीन वेदों और ग्रंथों को लिखा गया है। यह एक प्राचीन भाषा हैं जिससे भारत की कई आधुनिक भाषा का विकास हुआ हैं।

संस्कृत भाषा के प्रकार

आम तौर पर संस्कृत के कई किस्म है। वैदिक संस्कृत जो 1500 ईसा पूर्व और 1200 ईसा पूर्व के बीच बोला और लिखा जाता था। वैदिक संस्कृत ने इस उपमहाद्वीप की पहले से मौजूद प्राचीन भाषाओं के साथ संपर्क बनाये और यहाँ पाए जाने वाले पौधों और जानवरों के नामों को दर्शाया। इसके अलावा, प्राचीन द्रविड़ भाषाओं जैसे तमिल,तेलुगू, कन्नड़, मलयालम ने संस्कृत की ध्वनिविज्ञान को प्रभावित किया हैं।

शास्त्रीय संस्कृत व्याकरणिक रूप में पहली सहस्राब्दी ईसा पूर्व उभरा जो उस समय का व्याकरणों में सबसे व्यापक था। महान नाटककार कालिदास ने शास्त्रीय संस्कृत में अपना लेख लिखा हैं। आधुनिक अंकगणित की नींव पहली बार शास्त्रीय संस्कृत में वर्णित की गई थी। भारत की दो प्रमुख महाकाव्य, महाभारत और रामायण की रचना भी संस्कृत में की गई थी।

संस्कृत भाषा की लिपि

संस्कृत को पहली शताब्दी के आसपास ब्राह्मी लिपि में लिखी जाती थी। लेकिन आधुनिक युग में देवनागरी में लिखी जाती है। संस्कृत को आठवीं अनुसूची की भाषाओं में शामिल किया गया है। पुनरुद्धार के प्रयासों के बावजूद संस्कृत को प्रथम-भाषा का रूप प्राप्त नहीं हुआ है। 

भारत में कुछ  हजार लोग ही संस्कृत को अपनी मातृभाषा मानते है। प्राचीन काल से ही पारंपरिक गुरुकुलों में संस्कृत पढ़ाई जाती रही है। लेकिन आज माध्यमिक विद्यालय स्तर तक ही सिमित रह गया है। सबसे पुराना संस्कृत कॉलेज बनारस संस्कृत कॉलेज है जिसकी स्थापना 1791 में ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन के दौरान हुई थी। संस्कृत का हिंदू भजनों और मंत्रों में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।

ऐतिहासिक रूप से संस्कृत धार्मिक और चिकित्सा की भाषा थी। संस्कृत का अर्थ है "संस्कार की गयी" होता हैं। यह एक ऐसे कार्य को दर्शाता है जो "अच्छी तरह से तैयार, शुद्ध और उत्तम, परिष्कृत, पवित्र" रहा है। 

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