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महादेवी वर्मा की साहित्यिक विशेषताओं पर प्रकाश डालिए

महादेवी जी की ख्याति एक कवयित्री के रूप में अधिक है, जबकि गद्य के क्षेत्र में भी आपने उल्लेखनीय लेखन कार्य किया है। आपने चाँद नामक पत्रिका का सम्पादन पर्याप्त समय तक किया। भारतीय नारी की दयनीय स्थिति को आपने अपने रेखाचित्रों में बड़ी सहानुभूति और सामर्थ्य से उभारा है। आप एक कुशल चित्रकार भी हैं।

महादेवी जी उन विरले साहित्यकारों में से हैं जिनकी लेखनी ने गद्य और पद्य, दोनों ही क्षेत्रों में समान गति और समान कलात्मकता से सृजन किया है। रेखाचित्र विधा को परिपुष्ट करने में आपका अपूर्व योगदान रहा है। 

अतीत के चलचित्र, स्मृति की रेखाएँ, श्रृंखला की कड़ियाँ, पथ के सायी, क्षणदा, मेरा परिवार आदि कृतियाँ संस्मरणों तथा रेखाचित्रों के रोचक और प्रभावशाली संकलन हैं। विवेचनात्मक गद्य आपकी समालोचनात्मक रचना है। काव्य-संग्रहों में नीहार, रश्मि, सान्ध्य गीत, दीपशिखा, यात्रा आदि प्रमुख हैं।

महादेवी जी छायावाद की एक दृढ़ स्तम्भ थीं। उन्होंने गद्य को काव्य की कोमलता और चित्रकला की चारुता प्रदान की। रेखाचित्र और संस्मरण के क्षेत्र में आपकी देन अविस्मरणीय है। 


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