व्यापारिक बैंकों के प्रकार बताइए

व्यापारिक बैंक को दो भागों में बाँटा जाता है -

  1. अनुसूचित बैंक। 
  2. गैर- अनुसूचित बैंक। 

1. अनुसूचित बैंक 

जिन बैंकों को रिजर्व बैंक ने अपनी दूसरी सारणी में सम्मिलित कर रखा है, वे अनुसूचित बैंक कहलाते हैं। रिजर्व बैंक ने अपनी दूसरी सारणी में उन बैंकों को सम्मिलित कर रखा हैं, जो निम्नांकित शर्तों को पूरा करते हैं-

  • इन बैंकों की चुकता पूँजी एवं प्रारक्षित निधि मिलाकर कम से कम 5 लाख रुपये के बराबर होनी चाहिए।
  • इन बैंकों को अपनी माँग एवं समय देयताओं का 15 प्रतिशत भाग रिजर्व बैंक के पास रखना होता है। 
  • इन बैंकों को प्रति सप्ताह अपना स्थिति विवरण रिजर्व बैंक को भेजना पड़ता है। 
  • ये बैंक किसी भी ऐसे कार्य में संलग्न नहीं हो सकते, जो जमाकर्ताओं के हित में न हों। अनुसूचित बैंकों को रिजर्व बैंक कुछ विशेष सुविधाएँ भी प्रदान करता है, जैसे- ऋण, बिलों को पुनः भुनाना, धन हस्तांतरण की सेवाएँ समाशोधन गृह की सुविधाएँ इत्यादि। 

भारत में अनुसूचित बैंक को दो भागों में बाँटा जाता है -

1 अनुसूचित व्यापारिक बैंक। 
2. अनुसूचित सहकारी बैंक।

अनुसूचित व्यापारिक बैंक 

  1. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक - इनकी संख्या देश में 27 है। इनमें 19 राष्ट्रीयकृत तथा 8 भारतीय स्टेट बैंक तथा उसके अनुसांगिक बैंक हैं।
  2. सहकारी क्षेत्र के अन्य बैंक - इनकी संख्या देश में 28 है, इनमें 20 पुराने बैंक हैं तथा 8 नये बैंक हैं। 
  3. निजी क्षेत्र के बैंक - इनकी संख्या देश में 28 हैं, इनमें 20 पुराने बैंक हैं तथा 8 नये बैंक हैं। 
  4. विदेशी बैंक – इनकी संख्या देश में 29 है। 
  5. क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक - इनकी संख्या देश में 106 है। इस प्रकार, देश में कुल 191 अनुसूचित व्यापारिक बैंक हैं। 

अनुसूचित शहरी सहकारी बैंक - अनुसूचित सहकारी बैंक दो प्रकार के होते हैं -

  1. अनुसूचित सहकारी बैंक - इनकी संख्या देश में 55 है। 
  2. अनुसूचित राज्य सहकारी बैंक - इनकी संख्या देश में कुल 16 है। 

2.  गैर-अनुसूचित बैंक 

गैर अनुसूचित बैंक वह होते हैं, जो रिजर्व बैंक की सारणी में सम्मिलित नहीं होते। इन बैंकों की चुकता पूँजी एवं प्रारक्षित निधि मिलाकर 5 लाख रुपये से कम होती है। बैंकों का रिजर्व बैंक पर कोई विशेष नियंत्रण नहीं होता है।

Related Posts