पृथ्वी को सूर्य की परिक्रमा करने में लगभग 365.25 दिन लगते हैं। जिसे एक सौर वर्ष कहा जाता था। आमतौर पर एक वर्ष में 365 दिन होते हैं। बचे हुए घण्टे को हर चार साल में एक पूर्ण दिन माना जाता हैं। इसे ही लीप वर्ष कहते हैं।
यदि आप एक कैलेंडर में जनवरी से दिसंबर तक सभी दिनों की गणना करते हैं, तो आपको 365 दिन मिलेंगे। लेकिन लगभग हर चार साल में फरवरी में 28 के बजाय 29 दिन होते हैं। इस तरह हर चार साल में एक वर्ष 366 दिन के होते हैं।
वर्ष ग्रह और तारे से जुड़ा होता हैं। एक वर्ष वह समय होता हैं जो किसी ग्रह को अपने तारे की एक चक्कर लगाने में लगता है। एक दिन वह समय है जो किसी ग्रह को अपनी धुरी पर एक चक्कर पूरा करने में लगता है।
पृथ्वी को सूर्य की परिक्रमा करने में लगभग 365 दिन और 6 घंटे लगते हैं। पृथ्वी को अपनी धुरी पर घूमने में लगभग 24 घंटे लगते हैं। इसलिए सभी वर्ष समान दिनों का नहीं है।
इस वजह से अधिकांश वर्षों में दिनों को घटाकर 365 कर देते हैं। हालांकि एक दिन का बचा हुआ भाग गायब नहीं होता है। उस अतिरिक्त भाग को हर चार साल में एक दिन बनाकर जोड़ दिया जाता हैं।
कैलेंडर वर्ष और सौर वर्ष को बराबर करने के लिए लीप वर्ष महत्वपूर्ण होता हैं। पृथ्वी को सूर्य के चारों ओर एक चक्कर लगाने में जो समय लगता है। इसके सामने एक साल में 5 घंटे, 46 मिनट का समय बहुत छोटा लगता हैं। अगर कई सालों तक हर साल लगभग 6 घंटे को छोड़ देंगे, तो कई चीजें वास्तव में गड़बड़ हो सकती हैं।
उदाहरण के लिए मार्च एक गर्मी का महीना है। यदि हमारे पास लीप वर्ष नहीं होते तो, वे सभी घंटे दिनों, सप्ताहों और महीनों में जुड़ जाते और कुछ सौ वर्षों में मार्च का महीना कड़ाके की ठंड में परिवर्तित हो जाता।