भाषा, समाचार लेखन का अत्यंत महत्वपूर्ण अंग है। समाचार लेखक को सरल सुबोध भाषा शैली में छोटे-छोटे वाक्यों तथा प्रचलित शब्द समूहों का ही प्रयोग करना चाहिए।
समाचार पत्रों की भाषा को समझाइए।
अनुवाद करते समय लक्ष्य भाषा की प्रकृति का ध्यान रखना चाहिए ताकि समाचार पाठकों को दुरुह प्रतीत न हो। समाचार की भाषा में सामासिकता का गुण आवश्यक है। कम से कम शब्दों में अधिक से अधिक अभिव्यक्ति होनी चाहिए। एक ही प्रकार के शब्दों या वाक्य खण्डों के बार बार प्रयोग से बचना चाहिए।
समाचार पत्रों की भाषा एकदम सपाट नहीं होनी चाहिए बल्कि उसमें लय और संगति पर ध्यान देना जरूरी है। व्याकरण वाक्य संरचना, विराम चिह्नों तथा वर्तनी के मानक का प्रयोग करना चाहिए। ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्रों की शब्दावली, पारिभाषिक शब्दों के प्रयोग में अत्यंत सावधानी अपेक्षित होती है।
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