व्यावसायिक पत्र की संरचना या रूपरेखा निम्न प्रकार होती है -
(1) सबसे पहले ऊपर प्रेषक संस्था का नाम व पता लिखा होना चाहिए ।
(2) दायीं ओर दिनांक होना चाहिए।
(3) दिनांक के उपरांत अगली पंक्ति में बायीं ओर 'सेवा में' लिखकर उसके नीचे प्रेषिती का नाम और पता लिखा जाता है ।
(4) इसके बाद विषय लिखा जाता है।
(5) इसमें 'प्रिय महोदय' संबोधन लिखा जाना चाहिए।
(6) इसमें अभिवादन के रूप में कुछ नहीं लिखा जाता है।
(7) इसके उपरान्त प्रेषक के हस्ताक्षर होते हैं।
व्यापारिक पत्र के उदाहरण
(1) भाव पूछने हेतु
योगी फार्मेसी
सेवा में,
औषधि भण्डार
वाराणसी
विषय- औषधि विषयक
हमें अपनी फार्मेसी के लिए औषधियों की आवश्यकता है। जिनका उल्लेख नीचे किया गया है। कृपया लिखें कि आप इन औषधियों को किस भाव से हमें देंगे। साथ ही यह भी बतायें कि क्या इस समय ये औषधियाँ तैयार हैं या नहीं
वस्तुएँ मात्रा
आशा है इस संबंध में आपका शीघ्र उत्तर प्राप्त होगा।
(2) आदेश पत्र
सूर्या प्रकाशन, इन्दौर को पुस्तकों के लिए आदेश पत्र ।
पुस्तक प्रकाशक एवं विक्रेता
दूरप्रेष्य : अजय
क्रमांक :-----------
सेवा में,
624, खजूरी बाजार,
इन्दौर - 2
विषय – आदेश पत्र।
प्रिय महोदय,
हमें आपका निर्ख पत्र क्रमांक......... दिनांक..........मूल्य सूची सहित प्राप्त हुआ। धन्यवाद ! कृपया निम्नलिखित पुस्तकें शीघ्र ही मालगाड़ी से भिजवाने की व्यवस्था करें -
100 प्रति व्यावसायिक गणित
50 प्रति व्यावसायिक पर्यावरण
50 प्रति व्यावसायिक संचार
आप कृपया उपर्युक्त वर्णित पुस्तकें सावधानीपूर्वक पैक करवा कर, जिसका व्यय आप स्वयं उठायेंगे। मालगाड़ी द्वारा तथा बिल्टी बैंक ऑफ बड़ौदा के माध्यम से शीघ्रातिशीघ्र भेजने का कष्ट करें।
आपसे निवेदन है कि अपने-अपने निर्ख पत्र में हमें जो 5% अतिरिक्त छूट देने का वायदा किया है, उसे बिल बनाते समय रकम में से अवश्य ही काटने का कष्ट करें।
हमें आशा है कि आदेशित माल हमको एक सप्ताह के भीतर प्राप्त हो जायेगा। कारण, यहाँ विश्वविद्यालय तथा कॉलेजों में अध्यापन कार्य प्रारम्भ हो गया है।
(स्वामी)
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