झील किसे कहते हैं?

पानी से भरा एक क्षेत्र जो भूमि से घिरा हुआ है। उसे झील कहा जाता हैं। दुनिया में लाखों झीलें हैं। वे हर महाद्वीप पर और हर तरह के वातावरण में पाए जाते हैं। यह आकार में बहुत भिन्न होती हैं। कुछ बहुत छोटे होते हैं तो कुछ बहुत बड़े होते हैं। झीलों को अक्सर तालाब भी कहा जाता है। 

कई झीलें इतनी बड़ी हैं कि उन्हें समुद्र का नाम दिया गया है। कैस्पियन सागर दुनिया की सबसे बड़ी झील है, जिसका क्षेत्रफल 370,000 वर्ग किलोमीटर से अधिक है। और यह यूरोप और एशिया के बिच स्थित हैं। अधिकांश झीलें मीठे पानी की हैं, लेकिन कुछ खारे पानी की झीलें भी पायी जाती हैं जिनमें समुद्री जल से भी अधिक लवणता है।

झीलें सामान्यतः तालाबों की तुलना में बहुत बड़ी और गहरी होती हैं। अधिकांश झीलों में नदियों द्वारा पानी जमा होता है, लेकिन कुछ झीलें बिना किसी बाहरी नदी प्रवाह के होती हैं। जैसे ज्वालामुखीय झीलें इनमे पानी सीधे वर्षा से प्राप्त होती हैं।

प्राकृतिक झीलें अधिकतर पहाड़ी क्षेत्रों, ज्वालामुख क्षेत्र और हिमाच्छादन वाले क्षेत्रों में पाई जाती हैं। अन्य झीलें नदियों के मार्ग में पाई जाती हैं, जहाँ बाढ़ के मैदान होते है। दुनिया के कुछ हिस्सों में कई झीलें हैं जो हिमयुग के समय में बने हैं। अधिकतर झीलें लंबे समय तक स्थायी होती हैं।

कृत्रिम रूप से बनाये गए झीलों को जलाशय के रूप में जाना जाता है। जो  औद्योगिक या कृषि उपयोग के लिए होते हैं। इसके आलावा इनका उपयोग पनबिजली उत्पादन, घरेलू पेयजल की आपूर्ति और मनोरंजन के उद्देश्यों से किया जाता है।

पृथ्वी पर अधिकांश झीलें मीठे पानी की हैं जो उत्तरी गोलार्ध में स्थित हैं। कनाडा एक ऐसा देश हैं जहा पर सबसे अधिक झील पाया जाता हैं। यहाँ झील की अनुमानित संख्याअज्ञात है लेकिन कम से कम 2 मिलियन होने का अनुमान है।

झील के प्रकार

झील कई प्रकार की होती हैं। कई भूगोलविद अपनी अलग-अलग राय रखते हैं। इस लेख में झील के 9 प्रकार बताये गए हैं।

1. टेक्टोनिक झीलें (tectonic lakes) - टेक्टोनिक झीलें - इस प्रकार की झीलें टेक्टोनिक प्लेट में परिवर्तन होने से होता हैं। पृथ्वी पर सबसे बड़ी झील कैस्पियन सागर, बैकाल झील और अरल सागर टेक्टोनिक झीलें हैं। जो समुद्र तल से ऊपर उठकर समुद्र से अलग कर दी गई हैं।

2. ज्वालामुखीय झीलें (volcanic lakes) - ज्वालामुखीय झीलें ऐसी झीलें होती हैं जो ज्वालामुखी के मुख पर बनती हैं समय के साथ इस गर्त में बारिश का पानी जमा होता जाता हैं। यह झीलें ज्वालामुखीय क्रेटर में बनती हैं, जो वाष्पीकरण और भूजल निर्वहन के माध्यम से यह झीले खाली होती हैं। 

3. हिमनद झीलें (glacial lakes) - हिमनदी झीलें ग्लेशियरों द्वारा बनाई गई झीलें हैं। हिमनद झील का निर्माण बर्फ के पिघलने से होता हैं। समय के साथ हिम पिघलने लगता हैं तो बड़े बड़े गड्डे पानी से भर जाते हैं और झीलों का निर्माण करते हैं।

4. नदी झील (fluvial lakes) - नदी झील का निरमा विशिष्ट घुमावदार आकार के कारण होता हैं। इस प्रकार के झील को गोखुर झील भी कहा जाता है। धीमी गति से चलने वाली नदी टेढ़ी-मेढ़ी आकृति बनाती हुयी बहती है। अधिक मोड़ होने से नदी का प्रवाह आपस में मिल जाते हैं और नए मार्ग बनाते है। इस प्रकार धनुष के आकार की झील बन जाती है।

नदी झील
नदी झील

5. भूस्खलन झीलें (landslide lakes) - भूस्खलन झील का निर्माण चट्टानों के खिसकने, या दरारों द्वारा होता है। ऐसी झीलें पर्वतीय क्षेत्रों में सबसे अधिक पाई जाती हैं। हालांकि भूस्खलन झीलें बड़ी और काफी गहरी हो सकती हैं, वे आम तौर पर अल्पकालिक होती हैं। भूस्खलन झील का एक उदाहरण क्वेक झील है, जो 1959 हेब्जेन झील भूकंप के परिणामस्वरूप बनी थी। 

6. तटरेखा झीलें (shoreline lakes) - तटरेखा झीलें आम तौर पर समुद्र के मुहाने पर बने होते हैं। इसका निर्माण अवरोध या नदी धाराओं द्वारा समुद्र तट बनाई गई झीलें हैं। इनमें समुद्री तटीय झीलें शामिल हैं। 

7. जैविक झीलें (organic lakes) - जैविक झीलें पौधों और जानवरों द्वारा बनाई गई झीलें हैं। यह झील अपेक्षाकृत बहुत दुर्लभ हैं और आकार में काफी छोटे होते हैं। इसके अलावा, वे अन्य प्रकार की झीलों की तुलना में कम विशेषताएं होती हैं। जिन घाटियों में जैविक झीलें होती हैं, वे बीवर बांधों, प्रवाल झीलों, या वनस्पति द्वारा बनाए गए बांधों से जुड़ी होती हैं।

8. मानवनिर्मित झीलें (anthropogenic lakes) - मानव निर्मित झीलों को कृत्रिम रूप से बनाया जाता है। नदियों और नालों को बाँधने से इस प्रकार के झील का निर्माण होता हैं। दक्षिणी पोलैंड में एक मानव निर्मित झील है, जिसमें 4,000 से अधिक जल निकाय शामिल हैं।

9. उल्कापिंड झीलें (meteorite lakes) - उल्कापिंड झीलें, जिन्हें क्रेटर झीलों के रूप में भी जाना जाता है। यह उल्कापिंड द्वारा पृथ्वी के टकराने से बानी झीले होती हैं। उल्कापिंड झीलों के उदाहरण हैं भारत में लोनार झील हैं। उल्कापिंड झीलों में अद्वितीय और वैज्ञानिक रूप से मूल्यवान धातु हो सकते हैं।

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