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अंधेर नगरी की पाँच विशेषताएँ लिखिए - andher nagari ki visheshtayen

अन्धेर नगरी भारतेन्दु हरिश्चन्द्र की प्रसिद्ध कृति है। जिसे उन्होंने स्वयं प्रहसन या हास्य नाट्यकृति कहा है। वस्तुतः इसमें हास्य व्यंग्य का प्राधान्य है तथा इसका नायक धूर्त प्रकृति का है। प्रह…

अंधेर नगरी के उद्देश्य पर टिप्पणी लिखिए

अन्धेर नगरी भारतेन्दु हरिश्चन्द्र की हास्य-नाट्यकृति है, किन्तु इस रचना का मूल उद्देश्य पाठकों अथवा दर्शकों का मनोरंजन करना नहीं है। यद्यपि इस कृति के मंचन के समय दर्शक हास्य रस में भी मग्न हो…

अंधेर नगरी का सारांश

भारतेन्दु हरिशचन्द्र द्वारा रचित नाटक अंधेर नगरी एक प्रकार से प्रहसन है और प्रहसन के बीच-बीच में गाना, हँसना, क्रोध आदि दिखाया जाता है। रचना का उद्देश्य हास्य होता है, जिसे भारतेन्दु जी ने अपने नाटक …

अंधेर नगरी से क्या शिक्षा मिलती है

अंधेर नगरी नाटक से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें कभी भी लोभ नहीं करना चाहिए क्योंकि लोभ का परिणाम संकट में फँसना है। जिस प्रकार अंधेर नगरी नाटक में प्रत्येक वस्तु टके सेर मिलती है। टके सेर मिलने के…

एक दिन एकांकी का सारांश लिखिए

श्री लक्ष्मीनारायण मिश्र हिन्दी एकांकी जगत के विख्यात एकांकीकार हैं। 'एक दिन' उनकी एक प्रसिद्ध रचना है। इस एकांकी की कथा निम्न प्रकार है। राजनाथ एक वृद्ध पुरुष है। उनकी आयु 55 वर्ष क…

स्ट्राइक एकांकी का सारांश लिखिए।

प्रस्तुत एकांकी 'स्ट्राइक' आधुनिक जीवन की पृष्ठभूमि को एकांकीकार भुवनेश्वर प्रसाद ने इस एकांकी में आधुनिक जिंदगी जी रहे एक ऐसे मध्यमवर्गीय समाज का जीवन-चित्र प्रस्तुत किया है, जिसमें पति-पत्न…

औरंगजेब की आखिरी रात का उद्देश्य

डॉ.रामकुमार वर्मा हिन्दी एकांकी साहित्य में सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण स्थान के अधिकारी हैं। कुछ विद्वान यह भी मानते हैं कि डॉ. रामकुमार वर्मा ने ही हिन्दी एकांकी को जन्म दिया। डॉ. वर्मा ने प्रमुखतः सामाज…

मम्मी ठकुराइन एकांकी का सारांश - लक्ष्मीनारायण लाल

एकांकीकारों में डॉ. लक्ष्मीनारायण लाल का विशेष स्थान है। व्यक्ति और समाज के जीवन में व्याप्त विविध समस्याओं का चित्रण आपके एकांकियों में मिलता है। इस दृष्टि से आपका मम्मी ठकुराइन एकांकी विशेष …

दस हजार एकांकी का सारांश संक्षेप में लिखिए

हिन्दी साहित्य के सुख्यात एकांकीकार उदयशंकर भट्ट द्वारा रचित 'दस हजार' एकांकी को प्रहसन की कोटि में रखा जा सकता है। प्रहसन उस एकांकी को कहा जाता है, जिसमें किसी बात पर हास्य अथवा व्यंग…

एकांकी की विशेषताएं लिखिए

दस-हजार एकांकी उदयशंकर भटट जी का एक सामाजिक एकांकी है। इस एकांकी में कुल पाँच पात्रों की योजना की गयी है। तीन पुरुष पात्र हैं -बिसाखाराम, सुन्दरलाल और मुनीम तथा दो स्त्री पात्र हैं- राजो और उसकी माँ।…

एक दिन एकांकी की समीक्षा कीजिए

एकांकी नाटक के तत्त्वों की दृष्टि से भारतीय और पाश्चात्य विद्वानों ने एकांकी के पाँच तत्त्व स्वीकार किये हैं—(1) वस्तु, (2) पात्र, (3) रस, (4) अभिनय, (5) वृत्ति। पाश्चात्य विद्वानों ने एकांकी के निम्…

औरंगजेब की आखिरी रात का उद्देश्य

एकांकी के शिल्प-विधान अर्थात् एकांकी के तत्वों की दृष्टि से भारतीय एवं पाश्चात्य विद्वानों के विचारों में पर्याप्त अन्तर दिखाई देता है। भारतीय एकांकी शास्त्रियों ने एकांकी के निम्नलिखित तत्व स…

स्ट्राइक एकांकी का उद्देश्य

एकांकी को आधुनिक तकनीक से जोड़ने के साथ अपने ऊर्जस्वी लेखन से समृद्ध करने वालों में श्री भुवनेश्वर का नाम अत्यन्त महत्वपूर्ण है। प्रो. प्रकाशचन्द्र गुप्त, पद्मसिंह शर्मा 'कमलेश' आदि विद्वान भ…

स्ट्राइक एकांकी की मूल संवेदना क्या है

पाश्चात्य विद्वानों द्वारा निश्चित किए गए एकांकी के तत्वों का समन्वय बहुत कुछ अंशों में भारतीय नाट्य-तत्वों में ही हो जाता है। पाश्चात्य विद्वानों ने एकांकी के निम्नलिखित सात तत्व माने है …