नगरीकरण से तात्पर्य उस स्थान विशेष से होता है जहाँ एक बड़ा जनसमूह एक साथ रहता है। नगर एक व्यापक क्षेत्रीय संगठन होता है, यह सभ्यता के उस स्तर का प्रतिनिधित्व करता है जिन तक कुछ क्षेत्र नहीं पहुँच पाए…
गरीबी से तात्पर्य जीवन, स्वास्थ्य तथा कार्यकुशलता के लिए न्यूनतम उपभोग आवश्यकताओं की प्राप्ति न होने से है । इस न्यूनतम आवश्यकताओं में भोजन, वस्त्र, मकान, शिक्षा तथा स्वास्थ्य सम्बन्धी न्यूनतम…
किसी भी देश की बढ़ती हुई जनसंख्या उस देश के आर्थिक विकास की प्रगति को धीमा कर देती है इसलिए एक अल्पविकसित देश की बढ़ती हुई जनसंख्या अभिशाप मानी जाती है । इसका कारण यह है कि जिस गति से जनसंख्य…
भारतीय जनसंख्या सम्बन्धी आँकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं कि भारतीय जनसंख्या में वृद्धि की प्रवृत्ति पायी जाती है। भारत की पहली जनगणना 1872 में की गयी थी और उसके अनुसार उस समय भारत की जनसंख्या 25.4 क…
भारत में आर्थिक नियोजन को 1 अप्रैल 1951 से प्रारम्भ किया गया था। तब से अब तक नियोजन के 58 वर्ष पूरे हो चुके हैं। इन 58 वर्षों में देश ने निःसन्देह बहुत प्रगति की है। हम आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हुए …
आर्थिक नियोजन के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए योजना में जो नीति अपनाई जाती है, उसे योजना की व्यूह रचना या रणनीति कहा जाता है । इसे विकास युक्ति या विकास कूटनीति भी कहा जाता है । इस प्रकार व्यूह…
आर्थिक विकास का क्षेत्र आर्थिक वृद्धि से अधिक व्यापक है। आर्थिक विकास एक निरन्तर प्रक्रिया है जिसके द्वारा राष्ट्र के सर्वांगीण विकास के लिए सभी सम्भव प्रयास किये जाते हैं। विभिन्न अर्थशास्त्…