निक्षेप निधि प्रणाली एक ऐसी व्यवस्था है जिसके अन्तर्गत स्वामित्व संबंधी परिवर्तन इलेक्ट्रॉनिक बही प्रविष्टि अन्तरण के द्वारा किया जाता है। इस प्रणाली में प्रतिभूतियों का भौतिक आदान-प…
जिन उद्योगों में एक करोड़ रुपये तक की लगत आती है। वे लघु उद्योग की श्रेणी में रखे जाते हैं। इससे अधिक विनियोग वाले उद्योग को वृहत् उद्योग कहा जाता है। इस अध्याय में हम लघु एवं कुटीर उद्योगों का …
कुटीर उद्योग को दो भागों में बाँटा जाता है - 1. ग्रामीण कुटीर उद्योग, 2. शहरी कुटीर उद्योग। 1. ग्रामीण कुटीर उद्योग - ग्रामीण कुटीर उद्योग वे हैं, जो ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित किये…
भारत के औद्योगिक विकास में लघु एवं कुटीर उद्योगों का महत्वपूर्ण योगदान है। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद सरकार ने योजनावधि में इनके विकास के लिए अनेक प्रयास किये हैं। 1950 में लघु औद्योगिक इकाइय…
लघु एवं कुटीर उद्योगों के सुधार के लिए निम्न उपाय किये जा सकते हैं - 1. उत्पादन तकनीक में सुधार - लघु एवं कुटीर उद्योगों को अपनी उत्पादन तकनीक में सुधार के लिए विशेष प्रयास करना चाहिए। उत्पा…
भारतीय अर्थव्यवस्था में लघु एवं कुटीर उद्योग का महत्वपूर्ण स्थान है। महात्मा गाँधी के शब्दों में, भारत का कल्याण उसके कुटीर उद्योग में निहित है। योजना आयोग के अनुसार - लघु एवं कुटीर उद्य…