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दंड की अवधारणा क्या है - dand ki avdharna kya hai

प्रत्येक समाज साधारणतया अपने को अपराधों से मुक्त रखना चाहता है। कोई भी समाज अपने को अपराधों से मुक्त कैसे रख सकता है तथा वह अपराधियों को सुधार कर उन्हें सुयोग्य नागरिक कैसे बनाए। यह उसके सामने एक विक…

सामाजिक समस्या क्या है - samajik samasya kya hai

सामाजिक समस्या अर्थ और परिभाषाएँ -  सामाजिक समस्या को परिभाषित करना यद्यपि कठिन अवश्य है, परन्तु फिर भी बहुत से विद्वानों अपने-अपने दृष्टिकोण से इसे परिभाषित किया है।  डब्ल्यू. वेलेस वीवर के अनुसार स…

परिवीक्षा अवधि क्या है - pariveeksha avadhi kya hai

भारत में ब्रिटिश शासनकाल से ही आंशिक रूप से प्रोबेशन प्रणाली का प्रचलन हुआ था। 19वीं शताब्दी में अंग्रेजी विधान के अन्तर्गत दण्ड विधान में प्रोबेशन प्रणाली का उल्लेख किया गया था। सन् 1861 में बनाए गए…

दंड के प्रमुख सिद्धांत - dand ke siddhaant

प्रत्येक काल एवं परिस्थिति में विद्वानों ने दंड की अनिवार्यता को स्वीकार किया हैं। इसके साथ ही इन विद्वानों ने दण्ड की प्रकृति, मात्रा एवं प्रकार के सम्बन्ध में भी अपने विचार व्यक्त किये है। …

भारत में सामाजिक परिवर्तन - bhaarat mein saamaajik parivartan

परिवर्तन प्रकृति का नियम है जो निरन्तर समाज में किसी न किसी रूप में निरन्तर होता रहता है परिवर्तन के परिणामस्वरूप समाज में नवीनता आती है। आज और कल में जो अन्तर होता है वह परिवर्तन कहा जाता है। परिवर्…

दण्ड का अर्थ है - dand ka arth

अधिकांशतः दण्ड का अर्थ शारीरिक पीड़ा से लिया जाता है किन्तु यह सदा आवश्यक नहीं है । दण्ड तो सामाजिक नियन्त्रण का साधन है। कॉनसाइज डिक्शनरी के अनुसार दण्ड का अर्थ है, दर्द, जुर्माना, ईश्वर या न्यायानु…

प्रोबेशन क्या है - probeshan kya hai

परिवीक्षा या प्रोबेशन के बारे में विस्तृत विवेचन करने से पूर्व इसके वास्तविक अर्थ को समझना अति आवश्यक है। प्रोबेशन की शाब्दिक व्याख्या करें तो स्पष्ट होता है कि यह एक अंग्रेजी भाषा का शब्द है। जिसके …

भारत में पुलिस की भूमिका - bharat mein police ki bhumika

पुलिस द्वारा राज्य में शान्ति बनाये रखने, राज्य द्वारा पारित नियमों को मनवाने अथवा दण्ड देने जैसे कार्य करती है। सामान्य रूप से पुलिस का कार्य समाज में व्यवस्था बनाए रखना व  कानून  को लागू करना …

अपराध नियन्त्रण में उत्तर संरक्षण कार्यक्रम की भूमिका - aparaadh niyantran mein uttar sanrakshan kaaryakram kee bhoomika

अपराधियों के जेल या बन्दीगृह से छूटने के बाद उनकी देखरेख करना अति आवश्यक होता है, क्योंकि बन्दीगृह से मुक्त होने के पश्चात् जब वे समाज में आते हैं तो एकाएक पुनः सामंजस्य तथा अनुकूलन नहीं कर पाते और स…

न्यायपालिका से आप क्या समझते हैं - nyaayapaalika se aap kya samajhate hain

न्यायालय या न्यायतन्त्र का सम्बन्ध जिन विधियों से होता है वे अपराधी और अपराध से सम्बन्धित युक्त होती हैं। न्यायालय प्राथमिक रूप से अपराध के प्रति समाज की दण्डात्मक प्रतिक्रिया को लागू करने के लिए संग…