लौह-इस्पात उद्योग आधुनिक औद्योगिक युग की आधारशिला है । लोहे से अनेक प्रकार की मशीनें, परिवहन के साधन, कृषि-यंत्र, सैनिक अस्त्र-शस्त्र, दैनिक उपभोग की बहुतसी वस्तुएँ आदि बनाई जाती हैं, इसलिये लौह-इस्…
भारत में लौह-इस्पात उद्योग के विकास की बहुत सम्भावनाएँ विद्यमान हैं। यहाँ लौह-अयस्क, कोयला, चूना-पत्थर तथा डोलोमाइट एवं अन्य आवश्यक खनिज तथा मैंगनीज आदि प्रायः पास-पास उपलब्ध होते हैं। बिहार, पश्चिम…
निर्मित उत्पाद के आधार पर रासायनिक उद्योगों को निम्नांकित वर्गों में रखा जाता है - 1. भारी रसायन उद्योग – इसके अन्तर्गत वे रासायनिक उद्योग आते हैं, जो मुख्यतः खनिज-निक्षेपों और औद्योगिक उत्पादों पर…
पशुओं पर आधारित उद्योग - पशुओं से अनेक प्रकार के उत्पाद प्राप्त होते हैं, जिन्हें विभिन्न उद्योगों में कच्चा माल के रूप में प्रयुक्त किया जाता है। पशुओं से प्राप्त दूध, खाल, चमड़ा, रेशा, मांस इत्याद…
खनिज आधारित उद्योग में कच्चा माल खनिज अयस्कों से प्राप्त किया जाता हैं। यह कई लोगो को रोजगार प्रदान करता है। खनिज आधारित उद्योगों में इस्पात, लौह उद्योग के साथ-साथ मशीनरी उद्योग शामिल होते हैं। खनिज …
वनों पर आधारित उद्योग - वन बहुत से ऐसे उत्पादों के स्रोत हैं, जिनका प्रयोग उद्योगों में कच्चे माल की तरह किया जाता है। जैसे कि जड़ी-बूटियाँ, छाल, जड़ें, गोंद, सुपारी आदि महत्वपूर्ण वस्तुएँ प्राप्त ह…
कृषि पर आधारित उद्योग - कृषि प्राथमिक स्तर का व्यवसाय है, तथापि कृषि से प्राप्त पदार्थों का उपयोग कच्चे माल के रूप में उद्योगों में किया जाता है। कृषक भूमि से अनेक प्रकार की फसलों तथा – धान, गेहूँ, …
उष्ण कटिबन्धीय सवाना घास भूमि पर पशु-पालन करने वाली अनेक जातियों में मसाई एक प्रमुख जाति है, जो पूर्वी अफ्रीकी पठार पर निवास करती है। पहले ये लोग चलवासी पशु-चारक थे और ये लोग कीनिया, तन्जानिया और युग…
पिग्मी एक आदिवासी जनजाति समूह हैं। जो अफ्रीका महाद्वीप में कांगो नदी के किनारे पाए करते हैं। यह क्षेत्र भूमध्यरेखीय जलवायु के अन्तर्गत आता है। यहाँ वर्ष भर ऊँचा तापमान रहता है। यहाँ की औसत वार्षिक …